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अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, हंगामा-तोड़फोड़ ...

 यूनियन बैंक के कैशियर की मौत

कानपुर में रविवार को यूनियन बैंक के कैशियर की बीमारी के चलते मौत हो गई। जिसके बाद यूनियन बैंक के कर्मचारियों ने गोविंद नगर रीजेंसी अस्पताल में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ भी की। जानकारी के अनुसार मृतक प्रेम चंद्र शुक्ला (35) की तीन साल पहले शादी हुई थी। उनकी 2 माह की बेटी है। प्रेम चंद्र शुक्ला परमट में यूनियन बैंक में कैशियर पद पर तैनात थे। डेंगू हो जाने के कारण वह 10 दिन पहले गोविंद नगर स्थित रीजेंसी अस्पातल में भर्ती हुए थे।

सुबह यहां उनकी मौत हो गई। वहीं परिजनों को जब मृत सर्टिफिकेट दिया गया तो उसमें 27 अक्टूबर डेट लिखी हुई थी। परिजनों का कहना है कि कल शाम तक 5 लाख का बिल था और 5 घंटे बाद जब मौत हो गई इसके बाद 7 लाख की मांग करने लगे। यही नहीं अस्पताल कर्मचारी बोले कि बॉडी तब देंगे जब पूरा 7 लाख का पेमेंट हो जाएगा। इस पर गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। घंटों चले बवाल के बाद जानकारी मिलते ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।

 शव देने से इनकार करने पर परिजनों ने काटा हंगामा

भाई विवेक शुक्ला ने पुलिस को बताया कि रामचंद्र को  31 अक्तूबर कोे गोविंदनगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने जांच कर उन्हें डेंगू होने की पुष्टि की। हालत गंभीर बताकर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाई गईं। रविवार सुबह करीब चार बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि शनिवार रात अस्पताल प्रबंधन ने 5.91 लाख रुपये का बिल बताया था। सुबह 6.57 लाख रुपये का बिल थमा दिया और भुगतान करने पर ही शव देने की बात कही। इस पर अन्य रिश्तेदार गुस्सा गए। बहस हुई, लेकिन रुपये मंगाकर जमा कर दिए गए। जब मृत्यु प्रमाणपत्र देखा तो उसमें तारीख 27 अक्तूबर लिखी थी। इस पर परिजन गुस्सा गए। अस्पताल प्रबंधन ने 6.57 लाख रुपये लेने के बाद ही परिजनों को शव सौंपा। बैंक कर्मी के परिवार में पत्नी एकता शुक्ला व दो माह की बेटी है। थाना प्रभारी संजीवकांत मिश्रा ने बताया कि पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। कोई तहरीर नहीं मिली है। 

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