भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने भरी हुंकार ...
सार/विस्तार...
कानपुर देहात में गजनेर के मंगटा गांव में 13 फरवरी को हुए अनुसूचित जाति के लोगों से हुई मारपीट के मामले में शुक्रवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कानपुर स्थित उर्सला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए 23 फरवरी को दलितों पर अत्याचार को लेकर भारत बंद का भी ऐलान किया है।
मंगटा, गजनेर (कानपुर देहात) में एक फरवरी से सात फरवरी तक बुद्ध कथा एवं भीम शोभा यात्रा का आयोजन किया गया था। मंगटा निवासी शिवरतन, रजौली, सिया दुलारी,कुमारी मीनाक्षी,ज्योति कुमारी,उमा शंकर, वीनस,बालक आदर्श समेत अन्य ने बताया कि सवर्ण पक्ष के लोगों ने कथा रोकने की कोशिश की थी। आरोप है कि कथा संपन्न होने के बाद उन्होंने बैनर फाड़ कर आपत्तिजनक बातें लिख दी थी।
विरोध किया तो पुलिस आ गई और गांव के कुछ सम्मानित लोगों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता करा गया था। आरोप है कि 13 तारीख सुबह घर के पुरुषों को काम पर जाने के बाद दूसरे पक्ष के सैकड़ों लोगों ने उनके घर पर लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।
घटना के वक्त केवल महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ही थे। हमले में करीब 20 महिलायें, आठ बुजुर्ग और एक चार साल का मासूम गंभीर रुप से घायल हो गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अकबरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उन्हें उर्सला रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने गांव के रहने वाले अमित की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली थी।
यह भी आरोप
घायलों एवं पीड़ितों द्वारा क्षेत्रीय पुलिस पर भी आरोप लगाए गए। पीड़ितों अनुसार घटना से पूर्व पुलिस को सूचना दी गई थी जिस पर मात्र खानापूर्ति हुई। घटना के समय भी पुलिस की मौजूदगी मात्र मूकदर्शक की रही उपद्रवियों को रोकने में क्षेत्रीय थाना पूर्ण रूप से असफल रहा। बाहरी पुलिस बल द्वारा घटना स्थल पर पहुँच कर स्थिति पर काबू पाया गया।
रावण की हुँकार...
सुबह घायलों का हालचाल जानने उर्सला पहुंचे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह की घटना का भीम आर्मी विरोध करती है। 23 फरवरी को भारत बंद का एलान किया गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को दलितों की चिंता नही है। सिर्फ दलितों को लेकर राजनीति करनी है। मुख्यमंत्री को खुद आकर घायलों का हालचाल लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं दलितों को मुआवजा भी देना चाहिए।घायलो द्वारा अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर चंद्रशेखर द्वारा डॉक्टरों एवं अस्पताल प्रबंधन से घायलों को उचित उपचार एवं उनको अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसका निवेदन किया। पत्रकारों को सक्ताक्षर देने के पश्चात उनका काफ़िला मंगटा गाँव के निरीक्षण के लिए निकल गया।
चढ़ा सियासी पारा...
बताते चलें घटना की जानकारी प्राप्त होते है सियासत गर्मा गई है सभी विपक्षी पार्टियों कांग्रेस, बसपा, मुस्लिम लीग एवं विभिन्न समाज सेवी संगठन पीड़ितों से मिलने अस्पताल आ रहे है साथ ही घटना स्थल का भी दौरा कर रहे है। सभी के द्वारा न्याय का ढाढ़स घटना पर खेद व्यक्त कर सहायता का आश्वासन भी घायलों एवं पीड़ितों को दिया गया है। अब तो यह आने वाले समय में ही पता चलेगा कि क्या यह सब न्यायसंगत रूप से पीड़ितों के संग है यह सत्ता की हनक के समक्ष पीड़ितो को न्याय दिलाने की बात वोट बैंक की राजनीति के चलते सत्तापक्ष एवं विपक्ष के मध्य एक राजनीतिक हमले या जुमलेबाज़ी मात्र तक सीमित रह जायेगी।
यह रहे उपस्थित
अस्पताल में भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर के साथ अधिवक्ता महमूद प्राचा,एम एस जौहर फैंस एसोसिएशन अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी, पैंथर पार्टी अध्यक्ष धनिराम बौद्ध, कौशल बाल्मीकि, कुमैल अन्सारी, रवि सोनकर, मनी कुमार, राजेश कुमार,आसिफ शहनवाज़ खान,दिलशाद अहमद, रवि चौरसिया,आलिया, मृत्युंजय आदि घायलों का हाल जानने पहुँचे।
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