आखिर क्यों नही थम रही राशन कोटेदारों की मनमानी? ...
सार
"कुछ गुड़ ढीला कुछ बनिया" आप अक्सर सुनते और बोलते ही होंगे। वर्तमान परिवेश पर आप नज़र डालें या सीधे और स्पष्ट शब्दों में सरकार उसके अधीन तंत्र उनके मातहत अधिकारी एवं उनके विभाग सब इस कहावत की गांठ बांध अपने अपने कर्तव्यों की पूर्ति के भरपूर आडंबर कर जनता को खूब घूमा (मूर्ख बना) रहे है विशेष कर इस कोरोना काल में। जहाँ सरकार जनता को सुविधाएं उपलब्ध करा इस वैश्विक आपदा के समय कुछ राहत पहुँचा ने का प्रयास कर रही है वही अधिकारीगण अपनी कुर्सियों पर चिपक कर बैठे है, काम न करने के प्रण के साथ।
न तो सरकारी आदेशों का पालन करना एवं अपने अंतर्गत आने वाले विभाग में उसका अनुसरण करा जनता को फौरी तौर पर कुछ राहत पहुचांना। मोटी मोटी तनख्वाह साथ मे माल गोपाल की भी कृपा दृष्टि क्योंकि लालच एवं लोभ के चलते कलयुग के धृतराष्ट जो बन बैठे है आज के लालफीता शाह, यह भूल के की क्या अंत था महाभारत का।
विस्तार
कानपुर नगर बना अराजकता का केंद्र, चारो ओर मची लूट कालाबाज़ारी नही कोई सुनवाई कोविड 19 संक्रमण के चलते लॉक डाउन से मंद पड़े व्यापार से पस्त जनता की परेशानिया कम होने का नाम नही ले रही। सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर जनता को राहत पहुँचाने के आश्वासन के विपरीत सरकार के मातहत अधिकारियों एवं उनसे संबंधित विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। मान्य मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के लाख प्रयासों एवं चेतावनियों के पश्चात भी शायद ऐसा कोई भी विभाग हो जो इस महामारी से अछूता रहा है। जिसका एक उदहारण है राशन वितरण (कोटेदार) जिन की मनमानी की शिकायतें दिन प्रतिदिन सार्वजनिक रूप से सुनी और देखी जा सकती है। कानपुर नगर के लगभग प्रत्येक थाना अंतर्गत आने वाले राशन वितरक सरकारी नियमावली के विपरीत कर रहे मनमानी, नियम्मानुसार खाद्य वितरण में घटतौली कर गरीब जनता के साथ सरकार को भी लगा रहे है चुना। न किसी का डर न को शर्म, घटतौली का कारण पूछने पर बेशर्मी भरा जवाब हमारा भी तो परिवार है, सब करते है। अब गौर करने वाली बात यह है कि इतनी बेबाक़ी से कैमरे के सामने बोलने का क्या अर्थ निकलेगा या तो व्यक्ति मूर्ख है या फिर उसको किसी का संरक्षण प्राप्त है जो रखता है सारे नियम कानून अपनी जेब में।
क्यो लूट पर चुप्पी?
कानपुर नगर में इस समय सरकारी राशन कोटेदारों की मनमानी चरम पर है। सरकारी मानकों दिशानिर्देशो की अवहेलना कर जमकर कर रहे है मनमानी। अपने नियम्मानुसार करते है राशन वितरण, कभी हो जाती है किसी की मशीन लॉक तो कही हो रही कोविड 19 के मानकों की सम्पूर्ण अनदेखी, तौल काटे का हिसाब किताब तो अत्याधुनिक जहाँ बिना भार भी कांटा अपने सही होने की देता है गवाही। जिसके कारण सबसे प्रमुख बिंदु है घटतौली जो कि हो चुकी है आम, गरीब जनता को राहत पहुँचाने की सरकार की अच्छी पहल पर फिर रहे पानी का कौन है जवाबदेह, संबंधित विभाग के अधिकारी धारण करे है मौन, कोविड 19 के चलते अधिकारी काट रहे है मौज, फ़ोन उठाने में भी सताता है जैसे उनको कोरोना संक्रमण का भय, भूल वश कृपा दृष्टि हुई भी तो मात्र कार्यवाही का आश्वासन जो कि नेता जी के चुनावी जुमलों जैसा ही। क्या कहेंगे ऐसी हिलावाली को लापरवाही मनमानी या फ़िर संरक्षण अनैतिक कार्य मे संलिप्ता। परेशान जनता क्या करें कहाँ होगी सुनवाई या ऐसे ही चालू रहेगी जनता के साथ लूट क्योंकि इस "हम्माम में सब नंगे है"।
Leave a Reply