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हाईवे चौड़ीकरण के लिए एनएचएआई पहली बार शिफ्ट करेगा 337 पेड़ ...

उन्नाव-रायबरेली हाईवे चौड़ीकरण

उन्नाव से लेकर लालगंज (रायबरेली) तक एनएच-31 को चार लेन करने की प्रक्रिया में 13710 पुराने पेड़ काटे जाएंगे। इसके अलावा दो साल पहले लगे करीब 32 हजार पेड़ों को भी हटाया जाएगा। इनमें से एक साल पहले ही लगे 337 खजूर के पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस प्रस्ताव को राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा है।

राज्य सरकार के वन विभाग की मंजूरी (फॉरेस्ट क्लीयरेंस) के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास जाएगा। वहां से अनुमति मिलती है तो एनएचएआई अपने इतिहास में पहली बार पेड़ों की शिफ्टिंग करेगा। वर्तमान में उन्नाव-रायबरेली हाईवे दो लेन का है। उन्नाव से रायबरेली वाया लालगंज और रायबरेली से उन्नाव होते हुए लखनऊ-कानपुर की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण हाईवे के चौड़ीकरण की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है। टेंडर जारी करने के लिए कागजी कार्यवाही शुरू हो गई है। 1368 करोड़ रुपये से 60 किलोमीटर रोड का चौड़ीकरण होगा।

काटे जाने वाले पुराने पेड़ों के बदले दोगुना पेड़ लगाने का खर्चा देगा एनएचएआई

चौड़ीकरण के दायरे में उन्नाव जिले में 12504 और रायबरेली में 1206 बड़े और पुराने पेड़ आ रहे हैं। इन पेड़ों को काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इन पेड़ों के बदले एनएचएआई दोगुने पेड़ लगाने के लिए भुगतान करने पर राजी है। हाईवे के दायरे में 140 हेक्टेयर जमीन वन संरक्षित पट्टी (फॉरेस्ट प्रोटेक्टेट लैंड) है। इसका भू-उपयोग परिवर्तन कराया जाएगा। 

एनएचएआई के महाप्रबंधक/सहपरियोजना निदेशक पुरुषोत्तम लाल चौधरी ने बताया कि चौड़ीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद पेड़ों के कटान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हाल में लगाए गए 32 हजार पेड़ों में से 337 पेड़ों को निकालकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। बाकी बचे 31663 पेड़ भी हटाए जाएंगे। इतने ही पेड़ लगाने और पांच साल तक इनकी देखरेख के लिए धनराशि का भुगतान प्राधिकरण की ओर से किया जाएगा।

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