कानपुर के प्रमुख मंदिरों के पट 22 मार्च तक बंद किए गए ...
भक्तों को बाहर से दर्शन करने होंगे
कानपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर परमट स्थित आनंदेश्वर और पीरोड स्थित वनखंडेश्वर मंदिर के पट बुधवार से भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं। भक्तों को गर्भगृह के द्वार के बाहर से ही बाबा के दर्शन करने होंगे। सिर्फ आरती के समय मंदिर के पट खुलेंगे पर भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
कोरोना वायरस के मद्देनजर शहर के प्रमुख शिवालयों के पट बंद करने का निर्णय लिया गया है। इन शिवालयों के पट बुधवार यानी 18 मार्च से 22 मार्च तक बंद रहेंगे। इसके बाद जिला प्रशासन की अनुमति से मंदिर के पट खोले जाएंगे। परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर के पट मंगलवार की देर रात शयन आरती के बाद से बंद हो जाएंगे।
मंदिर के पट 22 मार्च तक बंद रहेंगे। महंत रमेशपुरी ने बताया कि मंदिर में रोज एक लाख भक्त आते हैं। ऐसे में सतर्कता रखना जरूरी है। वहीं, पी रोड स्थित बाबा वनखंडेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष रमेश दीक्षित का कहना है कि बुधवार की सुबह 8 बजे आरती के बाद पट बंद कर दिए जाएंगे।
इसके बाद 22 मार्च तक पट बंद रहेंगे। भक्तों को बाहर से दर्शन करने होंगे। वहीं नवाबगंज स्थित जागेश्वर मंदिर के सर्वराकार प्राण श्रीवास्तव का कहना है कि बुधवार की सुबह 10 बजे कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई है। इसमें निर्णय के बाद ही मंदिर के पट बंद किए जाएंगे। उधर, सिद्धनाथ घाट स्थित सिद्धनाथ मंदिर के पट बंद करने का निर्णय बुधवार को पुजारी मुन्नीलाल बैठक के बाद लेंगे।
उधर, शिवाला स्थित प्राचीन दक्षिण भारतीय महाराज प्रयाग नारायण मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन का समय बदल दिया गया है। अब मंदिर में भक्त सुबह 6 से 9 बजे तक तथा शाम को 5 से 7 बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे। यह जानकारी मंदिर के अध्यक्ष मुकुल तिवारी ने दी है। वहीं, श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी के महंत महामंडलेश्वर जितेंद्रदास का कहना है कि हनुमानजी के पट बंद नहीं हो सकते हैं। उनको सप्ताहभर में 25 कुंतल लड्डू का भोग लगता है। फिलहाल मंदिर खुला रहेगा।
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