पुलिस की लापरवाही बनी 24 साल तक खुशियों पर पहरेदार.. ...
24 साल बाद निर्दोष साबित हुआ हरदोई का कन्हैया, हत्या के मुकदमें में था जेल में बंद
अधिवक्ता अखिलेश सिंह की दलीलों से एडीजे अष्टम ने दिये रिहाई
कानपुर, 04 जुलाई पनकी थानाक्षेत्र में 24 साल पहले मिले एक रिक्शा चालक के शव की पहचान कर पुलिस ने दूसरे रिक्शा चालक को आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया था। जिसके बाद कोर्ट में कई बार जिरह हुई और गुरुवार को एडीजे अष्टम ने उसे निर्दोष करार दिया। जिससे 37 माह से जेल में बंद 24 साल बाद उसकी खुशियां वापस लौट आयी।अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने बताया कि मूल रुप से हरदोई के तेंदुआ गांव का रहने वाला 50 वर्षीय राकेश उर्फ कन्हैया 24 साल पहले कानपुर में रिक्शा चलाता था। उस दौरान वह काकादेव में रहता था। 12 मार्च 1995 को हरदोई के सैफुद्दीन निवासी सुरेश का शव पनकी थाना क्षेत्र में मिला था। सुरेश भी रिक्शा चलाता था और कानपुर में परमपुरवा में रहता था। पुलिस राकेश को आरोपी बनाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। करीब तीन माह बाद उसे जमानत मिल गयी और 37 माह पूर्व उसकी जमानत कट गयी। जिससे लगातार 37 माह से वह जेल में बंद था। इस दौरान एडीजे अष्टम सुंदरलाल की कोर्ट में केस की सुनवाई होती रही और आज गुरुवार को फैसला आ सका। जिसमें उसे बाइज्जत बरी किया गया।
बताया गया कि पुलिस ने गवाह मृतक सुरेश की चाची कांती देवी को बनाया था, जिसमें कहा गया था कि कांती देवी ने देखा था कि राकेश सुरेश को लेकर गया था। कोर्ट में जब दो कैदियों के बीच राकेश की पहचान कराई गयी तो कांती देवी राकेश को पहचान नहीं सकी। जिसके चलते उसे रिहा करने के कोर्ट ने आदेश दे दिये। शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट से परवाना जा चुका है और राकेश जेल से रिहा हो सकेगा।
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