कोरोनावायरस संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव ...
दो संदिग्धों की तलाश में स्वास्थ्य विभाग
उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुजैनी और साकेत नगर के जिन कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच के लिए बुधवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ भेजा गया था उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनको कोरोना का संक्रमण नहीं है। हालांकि इसी बीच तीन और मरीजों के संदिग्ध होने की खबर है।
स्वास्थ्य विभाग की सर्वेलांस टीम इनसे संपर्क करने के प्रयास में है। वहीं गुरुवार को चकेरी एयरपोर्ट पर 307 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा ट्रेन से शहर आने वाले ऐसे लोगों की तलाश है जो विदेश से लौटे हैं। व्यापार के सिलसिले में ब्राजील गए गुजैनी और साकेतनगर के दो व्यक्ति वाया सिंगापुर व थाईलैंड शहर लौटे थे।
इसके बाद इन्हें फ्लू हो गया। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इनके सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जिला महामारी विज्ञानी डॉ. देव सिंह ने बताया कि इन दोनों संदिग्धों की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि जो लोग विदेश से लौटे हैं और जिनका 28 दिन पूरा नहीं हुआ है, उन पर नजर रखी जा रही है।
अब जिन तीन और मरीजों के संदिग्ध होने की जानकारी मिली है। इनमें से शहर के रहने वाले एक व्यक्ति को लखनऊ में आइसोलेशन में रखा गया है। यह व्यक्ति अबू धाबी से लौटा है। इसे लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। कोरोना संक्रमित का संदेह होने पर इसके परिजनों को एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से नहीं मिलने दिया गया।
इसके अलावा दो और व्यक्ति विदेश से लौटने के बाद फ्लू की चपेट में हैं। सर्वेलांस टीम का इनसे संपर्क नहीं हुआ है। उधर, कोरोना के डर से फ्लू की चपेट में आए शहरी परेशान हैं। ऐसे लोग डॉक्टरों से संपर्क कर कोरोना संक्रमण के लक्षण और दवाएं पूछ रहे हैं।
बचाव को मुंह पर रूमाल बांधना काफी
कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी को एन-95 मास्क की जरूरत नहीं है। मुंह पर ढंग से रूमाल बांधकर संक्रमण से बचा जा सकता है। इस मास्क की जरूरत कोरोना प्रभावित मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टरों को है, क्योंकि वे मरीज के लगातार संपर्क में रहते हैं।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कीमेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रिचा गिरि ने बताया कि कोरोना वायरस का साइज बड़ा है जिससे मुंह पर कपड़ा बांधना ही सुरक्षित है। स्वाइन फ्लू के लिए एन-95 मास्क की जरूरत पड़ती है। डॉ. रिचा गिरि ने कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सफाई रखने पर जोर दिया।
कहा कि हाथों को बराबर धोते रहें। बाहर जाने और किसी चीज को छुएं तो सेनेटाइजर आदि से हाथ साफ कर लें। घर आने पर साबुन से कई बार हाथ धोएं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने पर वायरस आसपास की चीजों पर रुक जाता है। मॉल में स्वचलित सीढ़ियों की रेलिंग, टेबल, कुर्सी के हत्थे आदि पर वायरस रुका रहता है। इन पर हाथ रखने और फिर मुंह, नाक, आंख को छुने से संक्रमण का खतरा है।
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