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अफसरों को बचाने में जुटा इंडसइंड बैंक ...

आधिकारिक बयान देने से भी किया इनकार

कानपुर में नोटबंदी के दौरान शराब कारोबारी के खाते में 85 लाख के पुराने नोट जमा करने के मामले में बैंक अपने अफसरों की गर्दन बचाने में जुट गया है। बैंक अफसरों ने पीड़ित के दस्तावेजों को नकार दिया है। नोटबंदी के समय जमा की गई रकम के एवज में दी गई रसीद को गलत बताया है।
बैंक अफसरों का तर्क है कि आयकर विभाग को दी गई बैंक की रिपोर्ट ही सही है। नोटबंदी के समय हुए इस फर्जीवाड़े का खुलासा जनवरी 2020 में होने के बाद पांच मार्च को शराब कारोबारी मनीष जायसवाल ने ग्वालटोली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

शनिवार को पुलिस ने बैंक कर्मियों के बयान दर्ज किए और दस्तावेज जुटाए।  थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस टीम शराब कारोबारी की ओर से जमा की गई धनराशि की रसीद लेकर जांच के लिए बैंक पहुंची तो वहां मौजूद बैंक के अधिकारियों ने उस रसीद को गलत ठहराया। उनका कहना था कि बैंक के रिकार्ड में जो दस्तावेज हैं, वहीं मान्य हैं।

इस पर पर जांच टीम ने भी सवाल अफसरों से सवाल दागा कि रसीद में किया हुआ हस्ताक्षर और बैंक की मुहर क्या गलत है। इस पर अफसरों ने कोई तर्क संगत जवाब नहीं दिया। इस पर जांच टीम ने बैंक के रिकार्ड की फोटोकॉपी सबूत के तौर पर हासिल कर ली है। 

बचाने के चक्कर में और गंवाई साख 

इंडसइंड बैंक की एक ही शाखा में दो बार गबन और फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज होने पर बैंक अपनी साख बचाने में जुट गया है। सूचनाओं को छिपाने और अफसरों को बचाने के चक्कर में बैंक अपनी साख गिराता जा रहा है। मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद अफसर बोलने से बच रहे हैं। यहां तक कि जांच में पुलिस को भी सहयोग नहीं किया गया। गोपनीयता का हवाला देकर कई दस्तावेजों को देने से इनकार किया गया, इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। बैंक अब आधिकारिक बयान देने से भी बच रहा है। 

ये है मामला 

थाना प्रभारी ने बताया कि बैंक मैनेजर अमित शुक्ला ओर कैशियर राहुल तिवारी ने नोटबंदी के समय मोटे कमीशन के लालच में शराब कारोबारी मनीष जायसवाल की ओर से विभिन्न तारीखों में जमा किए गए 85 लाख रुपये किसी अन्य को दे दिए, जबकि उनके खातों में हजार व पांच सौ के पुराने नोट जमा कर दिए। पुराने नोट जमा होने पर आयकर विभाग की ओर से कारोबारी को नोटिस जारी किया गया। कारोबारी जमा धन की रसीदें लेकर बैंक पहुंचा तो रिकार्ड में रखीं रसीदें और तारीखें अलग मिलीं। इसके बाद पीड़ित ने ग्वालटोली थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

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