घरों में घुसा पानी बाढ़ के पानी में डूबकर युवक की मौत ...
गांवों की गलियों में नावों से आवागमन
पुखरायां/मूसानगर(कानपुर देहात)। बाढ़ के पानी में डूबकर युवक की मौत हो गई। यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे सेंगुर नदी उफना रही है। मूसानगर के पास यमुना में सेंगुर नदी का पानी गिरता है। यमुना का जल स्तर बढ़ने से सेंगुर नदीं का पानी बैक होने लगता है। इससे दो किलोमीटर दूर बसे कई गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ से दो दर्जन गांव प्रभावित हैं। घरों में पानी घुसने से परिवार पलायन करने लगे हैं। चपरघटा स्थित मुगल कालीन ऐतिहासिक पुराना पुल पूरी तरह डूब चुका है।
मूसानगर के मुसरिया निवासी सियाराम का बड़ा पुत्र पप्पू (35) कानपुर में ट्रक चलाता है। बाढ़ की सूचना पाकर देरशाम सोमवार को वापस आया था। गांव जाने के लिए ऊंचे पर खड़े होकर नाव का इंतजार कर रहा था। देर तक नाव न आने पर तैरकर जाने लगा। पानी के तेज बहाव में वह गांव की पुलिया में फंस गया। बचाने के लिए जब तक ग्रामीण पहुंचे तब तक उसकी मौत हो गई। मूसानगर थाना क्षेत्र के पथार निवासी राम औतार, छोटे, बडे़, सुरेश, माधव, राजेंद्र, राकेश, छौनी, दीनदयाल, छोटे, रामकेश के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। घर छोड़कर लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। गृहस्थी का सामान ढोने के लिए गांवों की गलियों में नावों से आवागमन हो रहा। रामऔतार का घर ढह गया है। चपरघटा में ऊंचाई पर स्थित किला के नाले से सेंगुर नदी का पानी राम बाबू कोरी, गोधन, राधेश्याम के दरवाजाें तक पहुंच गया है। ग्रामीण पूरी रात जागकर काट रहे हैं। चाराें ओर बाढ़ का पानी भर जाने से आढ़न, पथार, मुसरिया, चपरघटा, कुंभापुर, कृपालपुर, रसूलपुर, भुण्डा, चतुरीपुरवा, हलिया, क्योटरा बांगर, नयापुरवा, सिहारी, नगीना बांगर, कट्टापुरवा, बम्हरौली घाट, अहरौली घाट और सिमरिया समेत दो दर्जन गांवों का मुख्यमार्ग से संपर्क टूट गया है। फसलें और चारा बरबाद होने पर पालकों ने पशुओं को खुला छोड़ दिया है।
हलिया के प्रधान कैलाश निषाद, प्रेमचंद्र, अशोक, महेश, हजारीलाल ने बताया पानी के तेज बहाव से खड़ंजा और सड़क में कटाव हो गए हैं। इससे पैदल चलने में भी दिक्कत आ रही है। प्रधान विनोद कुमार निषाद ने बताया सेंगुर से करीब तीन किलोमीटर दूर बसे किशवा दुरौली तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। सट्टी थाना क्षेत्र के दिबैर की मड़ैयां, दिबैर, खरका, खरतला, किशुनपुर, ट्योंगा, क्योटरा गांवों में यमुना के बाढ़ का पानी सड़क के ऊपर बह रहा है। यहां पर कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। अपर जिलाधिकारी साहब लाल, एसडीएम राजीव राज, तहसीलदार आरएस वर्मा, लाल सिंह यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हल्के के लेखपालों को तैनात किया गया है। नावों की संख्या बढ़ा दी गई है। क्षेत्रीय कोटेदारों को राशन मुहैया कराने को कहा गया है। कालपी के कुशल सहायक ज्ञानचंद्र ने बताया कि यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर चल रहा है।