कोविड ड्यूटी न करने का था आरोप ...
पलटवार की तैयारी
पूर्व प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने अपनी नाकामयाबी का ठीकरा मेडिकल कॉलेज के साथी प्रोफेसरों पर फोड़ा था। अपने तबादले के दिन ही उन्होंने विभागाध्यक्षों की लिखित शिकायत शासन से की थी। शासन ने कोविड ड्यूटी न करने के आरोप में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छह प्रोफेसरों को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। इन प्रोफेसरों की शिकायत पूर्व प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने की थी। ज्यादातर प्रोफेसरों का दावा है कि उन्होंने कोविड ड्यूटी की है।
इस पर वे नियमावली के हवाले के साथ सारे सुबूत इकट्ठा कर जोरदार पलटवार की तैयारी में जुट गए हैं। पूर्व प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने अपनी नाकामयाबी का ठीकरा मेडिकल कॉलेज के साथी प्रोफेसरों पर फोड़ा था। अपने तबादले के दिन ही उन्होंने विभागाध्यक्षों की लिखित शिकायत शासन से की थी।
इसमें हैलट की तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना का भी नाम था, जिनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर दी गई और उन्हें यहां से हटा दिया गया। इसके बाद कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा निगम को नोटिस जारी किया गया।
अब सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. जीडी यादव, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. महेंद्र सिंह, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान, डॉ, सौरभ सक्सेना को नोटिस मिला है। इन प्रोफेसरों का कहना है कि उन्होंने कोविड ड्यूटी की थी। डॉ. यादव न्यूरो साइंसेज कोविड अस्पताल के अधीक्षक रहे।
साथ ही क्वांरटीन टास्क फोर्स के चेयरमैन थे। बाद में ढाई महीने बरेली में कोविड प्रभारी के रूप में ड्यूटी की। डॉ. खान ने हैलट के कोविड अस्पतालों के अलावा मुरादाबाद जाकर कोविड ड्यूटी की। इसके अलावा किसी को भी शासन में शिकायत से पहले चेतावनी नोटिस नहीं मिला। प्रोफेसर ड्यूटी संबंधी सारे अभिलेख जुटाकर पलटवार की तैयारी कर रहे हैं।
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