यूपी एसटीएफ़ विकास दुबे को लेकर सुबह 8 बजे पहुंचेगी कानपुर ...
सीओ पर था गुस्सा
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहा पांच लाख का इनामी विकास दुबे सातवें दिन उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ। पुलिस फरीदाबाद से लेकर एनसीआर में उसे खोजती रही और शातिर बदमाश विकास उज्जैन पहुंच गया। इस बीच बड़े शातिराना अंदाज में उसने अपनी गिरफ़्तारी दी। या यूं कहें उसने सरेंडर ही किया। कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे से मिले दस्तावेजों में ग्वालियर का मिला एड्रेस मिला है। फर्जी दस्तावेज में उसका नाम शुभम दर्ज है।
यही नहीं, विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया कि मेरी उससे नहीं बनती थी। कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी। जबकि विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे खिलाफ है। इस वजह से मुझे सीओ पर गुस्सा था। साथ ही कहा कि सीओ को घर के सामने के मकान में मारा गया था। हालांकि मैंने नहीं बल्कि मेरे साथियों ने आहाते से मामा के मकान में कूदकर आंगन में मारा था। इस दौरान उसके एक पैर पर भी वार किया गया था, क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है, दूसरा भी सही कर दूंगा। सीओ का गला नहीं काटा था, गोली पास से सिर में मारी गयी थी इसलिए आधा चेहरा फट गया था।
पुलिस वालों को जलाने की थी साजिश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अपने कबूलनामे में विकास दुबे ने बताया कि कानपुर की घटना के बाद उसके घर के ठीक बगल में कुएं के पास 5 पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिए जाए। आग लगाने के लिए घर में गैलनों में तेल रखा गया था। एक 50 लीटर के गैलन में तेल से जलाने का इरादा था। लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला और वह फ़रार हो गया।
अब उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे को लेकर रवाना हो गई है। यूपी पुलिस की टीम सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश से निकली है।उज्जैन पुलिस ने यूपी पुलिस की टीम को विकास दुबे का हैंडओवर दे दिया है। जबकि यूपी एसटीएफ़ गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर आज सुबह 8 बजे कानपुर पहुंचेगी।
हालांकि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस की देर रात से विकास दुबे पर नज़र थी। महाकाल मंदिर के आस-पास उसने शरण ले रखी थी। आज सुबह पुजारी की जानकारी के बाद पुलिस ने वहां से विकास को अपनी हिरासत में लिया। विकास को लखनऊ लाया जा रहा है, उसके लिए पुलिस की पांच टीमें उज्जैन रवाना हो गई है। शाम तक वह लखनऊ पहुंच सकता है।
'तिवारी' नाम का एक शख्स कर रहा था विकास की मदद
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तिवारी नाम के एक शख्स ने उसकी मदद की। उसी ने ही विकास दुबे को महाकाल मंदिर तक पहुंचाया। जहां पर उसने खुद को पकड़वाया। उसने बड़े शातिर अंदाज में उसने कैमरे के सामने कहा कि वह विकास दुबे है कानपुर वाला। वह यह जानता था कि यही एक तरीका है जिससे वह एनकाउंटर से बच सकता है। क्योंकि अभी तक उसके पांच गुर्गे मार गिराए गए हैं।
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