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सरकार ने आठ जून से धर्मस्थलों को खोलने का मन बनाया ...

सार

मस्जिद आने पर एहतियात की अपील,मस्जिदों में सिर्फ फर्ज की नमाज पढ़ें और घर जाएं, मस्जिद में घर से वजू बनाकर आएं,नमाज पढ़ने के लिए घर से अपनी जानमाज लाएं, मस्जिद का टॉयलेट और वजूखाना इस्तेमाल न करें, नमाजी अपनी कतारों (सफों) में मुनासिब दूरी बनाए रखें, मस्जिदों में रखी टोपियों का इस्तेमाल न करें, मास्क लगाए रखें, मस्जिद में सिर्फ फर्ज नमाज अदा करें, सुन्नत और नफिल घर में पढ़ें, बुखार, खांसी या किसी किस्म की कमजोरी है तो मस्जिद न आएं, 65 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चे घर में नमाज पढ़ें, जूतों को मुनासिब जगह रखें, दूसरे के जूतों को हाथ न लगाएं,बेवजह मस्जिद की दीवारों, दरवाजों, हैंडिल आदि को न छुएं, मस्जिद के बाहर भीड़ न लगाएं, आने-जाने में दूरी बनाए रखें, कोरोना से बचने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील।

विस्तार

सरकार ने आठ जून से धर्मस्थलों को खोलने का मन बनाया है। इसे देखते हुए मुस्लिम समाज से अपील की जा रही है कि छूट मिलने पर मस्जिदों में भीड़ न लगाएं। कोरोना के खिलाफ जंग जारी रहेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा।
मस्जिदों में सिर्फ फर्ज की नमाज अदा होगी। इसे पांच से छह मिनट में पढ़कर घर जाएं और बाकी नमाजें घर में ही अदा करें। शनिवार को मुस्लिम बाहुल इलाकों में चर्चा रही कि मस्जिदों में सिर्फ पांच-छह लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाएगी।

इस पर ऑल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी हाजी मो. सलीस का कहना है कि प्रशासन इस प्रकार अनुमति दे कि किसी को परेशानी न हो। अगर बीमारी फैलने का खतरा है तो अभी और लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।

लोगों से अपील की गई कि मस्जिद में बिछाने के लिए कपड़ा, जानमाज आदि घर से लाएं। शहर काजी अब्दुल कुद्दूस हादी ने बताया कि इस संबंध में रविवार को जिला प्रशासन के साथ बैठक है। इसी में प्रावधान तय किए जाएंगे। यह भी अपील की गई कि मस्जिदों में फर्श पर ही नमाज पढ़ें, चटाई आदि न बिछाएं। इससे पहले सफाई हो। मस्जिदों के दरवाजों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। 

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