मगरमच्छ को मार निकले अंदरूनी अंग काटा मास पंजे ...
ग्रामीणों ने मगरमच्छ को घेर बेरहमी से पेट फाड़ कर मारा
कानपुर के घाटमपुर में शनिवार की दोपहर तहसील क्षेत्र की यमुनापट्टी (तिरहर) क्षेत्र के अमिरतेपुर (गड़ाथा) गांव में ग्रामीणों ने मगरमच्छ को घेरकर मार डाला। बाद में ग्रामीण उसके कीमती अंग पंजे और मांस ले गए। सूचना पाकर शाम को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अमिरतेपुर गांव यमुना नदी के किनारे बसा है।बीते दिनों हथिनी कुंड बांध से छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक पानी के चलते इस इलाके में यमुना नदी उफना गई थी। बाढ़ के पानी के साथ ही एक मगरमच्छ भी इस इलाके में आ गया था। जो बीते कई दिनों से गड़ाथा और अमिरतेपुर गांवों के बीच में देखा जा रहा था। शनिवार की दोपहर मगरमच्छ नदी से निकलकर कुछ दूरी पर स्थित एक तालाबनुमा गड्ढे में पहुंच गया।
वह शिकार की तलाश में बैठा था तभी, वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसको देख लिया। देखते ही देखते वहां काफी लोग पहुंच गए और मगरमच्छ को घेर लिया। भीड़ देख मगरमच्छ गड्ढे से निकलकर नदी की ओर भागा, जिसको गांववालों ने लाठी-डंडों से पीटकर मार डाला। इसके बाद कुछ लोग उसका पेट चीरकर मांस और अन्य कीमती अंग निकालने के साथ ही उसके पंजे भी काटकर ले गए। शाम को किसी ग्रामीण ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। डिप्टी रेंजर अरुण कुमार अवस्थी ने बताया कि सूचना पर वन रक्षक धीरज तिवारी को टीम सहित मौके पर भेजा गया है। वन रक्षक ने बताया कि गांववालों के अनुसार, मगरमच्छ की लंबाई 7 फिट के आसपास है। बताया कि गांववाले उसकी हत्या करने के बाद पेट चीरकर मांस और अन्य कीमती अंग निकाल ले गए हैं।
संरक्षित प्रजाति का जलजीव है
वन विभाग के डिप्टी रेंजर अरुण कुमार अवस्थी ने बताया कि मगरमच्छ संरक्षित प्रजाति का जलजीव है। इसका शिकार करना प्रतिबंधित है। वन्यजीव (जल) अधिनियम श्रेणी दो के तहत इस जीव की हत्या में तीन साल के कारावास का प्रावधान है। बताया कि मगरमच्छ की हत्या करने और उसका मांस व अंग निकालकर ले जाने वालों की पहचान कराने के साथ ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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