एमजी हॉस्टल में महिला खो-खो खिलाड़ी ने फांसी लगाई ...
सुसाइड नोट भी मिला
कानपुर के सिविल लाइंस में एमजी हॉस्टल में रविवार देर रात राज्य स्तरीय खो-खो खिलाड़ी (बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा) इशिता मिश्रा (19) ने फांसी लगा ली। इशिता सीएसजेएमयू की खो-खो टीम की कैप्टन भी थी। मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में खुदकुशी का कारण नहीं लिखा है। परिजनों ने उसके एक कोच, उसकी बहन (पूर्व खो-खो टीम कैप्टन) समेत तीन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
लखीमपुर-खीरी के शांतिनगर निवासी किराना व्यापारी बृजेश कुमार मिश्रा के मुताबिक बेटी इशिता ने पिछले साल दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में बीएससी में दाखिला लिया था। वह एमजी हॉस्टल के कमरा नंबर 100 में रह रही थी। कोतवाली पुलिस के मुताबिक बगल के कमरे में रहने वाली छात्रा के पास रविवार देर रात करीब दो बजे इशिता के कोच का फोन आया।
उसने कहा कि इशिता फोन नहीं उठा रही है। इस पर छात्रा ने उसके कमरे का कई बार दरवाजा खटखटाया पर नहीं खुला। सूचना पर वार्डन पहुंची। खिड़की से देखा तो इशिता का शव फंदे से झूल रहा था। इंस्पेक्टर संजीवकांत मिश्रा ने बताया कि सोमवार को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। परिजनों ने एक कोच, उसकी बहन व एक अन्य छात्रा पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। तहरीर अभी नहीं दी है।
तीन फरवरी को हॉस्टल में शिफ्ट हुई
परिजनों ने बताया कि पिछले साल इशिता को हॉस्टल नहीं मिल सका था। वह परमट में किराये के मकान में अपनी दोस्त आस्था वर्मा के साथ रहती थी। आस्था भी लखीमपुर की रहने वाली है। तीन फरवरी को वह हॉस्टल शिफ्ट हुई थी। उसकी एक रूम पार्टनर भी थी लेकिन वह पिछले दस दिनों से बाहर गई हुई है।
सीएम पोर्टल पर शिकायत
इशिता की मौत से उसकी मां ईशा और भाई शिवांश बेसुध हैं। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे बृजेश ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर कोच समेत अन्य दोनों छात्राओं पर आरोप लगाकर ऑनलाइन शिकायत की है। पिता ने बताया कि इशिता कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शिरकत कर चुकी थी।
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