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आरोपियों के कब्ज़े से अवैध असलाह एवं कारतूस बरामद ...

पूर्व मुख्यमंत्री का बता रहा था करीबी

कानपुर: खुद को उत्‍तर प्रदेश पुलिस का सब इंस्‍पेक्‍टर बताकर उगाही करने वाले एक शख्‍स को कानपुर की नजीराबाद थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सैफई निवासी सुघर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने सुघर सिंह के साथ दो अन्‍य लोगों को भी गिरफ्तारी किया है। राय सिंह और संजीव नामक ये दोनों शख्‍स खुद को उत्‍तर प्रदेश पुलिस का सिपाई बताते थे। तीनों आरोपी मिलकर अवैध उगाही का गोरखधंधा चलाते थे। इनके कब्‍जे से पुलिस ने रिवाल्वर समेत 18 कारतूस बरामद किए हैं. उल्‍लेखनीय है कि आरोपी सुघर सिंह खुद को पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी बताता है।

उल्‍लेखनीय है कि बुधवार रात्रि नजीराबाद थाना प्रभारी मनोज कुमार रघुवंशी पुलिस बल के साथ कोकाकोला चौराहा पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। तभी एक सफेद रंग की बुलेरो गाड़ी आती हुई दिखाई दी। इस गाड़ी के सभी शीशे गहरे काले रंग के थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर गाड़ी को रोका। पूछताछ के दौरान, कार में बैठे एक युवक ने यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक का परिचय पत्र दिखाया। तस्दीक करने पर यह परिचय पत्र फर्जी पाया गया। वहीं, पुलिस ने जब गाड़ी की तलाशी ली तो उसके भीतर से एक देशी तमंचा, एक रिवाल्‍वर और 24 कारतूस बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार, असलहे व फर्जी दस्तावेज मिलने पर थाना प्रभारी मनोज कुमार रघुवंशी ने शक के आधार पर सैफई निवासी सुघर सिंह और उसके दो अन्‍य साथियों को हिरासत में ले लिया। सुघर सिंह के साथ गिरफ्तार युवकों की पहचान मैनपुरी निवासी राय सिंह और इटावा निवासी संजीव के रूप में हुई है। पुलिस उप महानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र मोहित अग्रवाल ने बताया कि थाना नजीराबाद पुलिस ने संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के दौरान एक सफेद रंग की बुलेरो कार की तलाशी के दौरान फर्जी उपनिरीक्षक के आई कार्ड वाले सुघर सिंह समेत तीन अभियुक्तों को पकड़ा है।

डीआईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार, पकड़ा गया सुघर सिंह पहले तो अपने को उपनिरीक्षक का आई कार्ड दिखाकर पुलिस कर्मियों पर रौब गांठने लगा, लेकिन इंस्पेक्टर के शक होने पर कार्ड के बारे में तस्दीक करवाई तो वह फर्जी पाया गया। पुलिस ने गाड़ी में बैठे तीनों अभियुक्तों सुघर सिंह, राय सिंह और संजीव को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया है। उनकी कार से तलाशी में अवैध असलहे सहित रिवाल्वर व कारतूस बरामद हुए हैं। डीआईजी ने बताया कि गिरफ्तार सुघर सिंह फर्जी पुलिस आईकार्ड दिखाकर लोगों को डराने धमकाने का काम वसूली व ठगी करने का काम करता था।

डीआईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार, सुघर सिंह ने अपनी पत्नी सपना के नाम पर एक मासिक पत्रिका का रजिस्ट्रेशन करवा रखा था। वह पत्रिका में प्रदेश के समस्त पुलिस और आलाधिकारियों की तस्वीरें छापता था और खुद को उन अधिकारियों का करीबी बताकर रौब झाड़ता था। उन्‍होंने बताया कि आरोपी सैफई का रहने वाला है, लिहाजा वह खुद को पूर्व सीएम अखिलेश यादव का करीबी भी बताता है। सपा सरकार में सैफई के नाम पर अधिकारियों और नेताओं पर दबाव बनाकर अपने अनैतिक कार्यों और धन उगाही का काम करता था।

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