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विद्यालय में नही कोई व्यवस्था सफ़ाई कर्मी की ...

प्रिंसिपल का फरमान

यूपी के कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां शिक्षा के मंदिर में बच्चों के हाथ में किताबों की जगह झाड़ू नजर आती है। गोविन्द नगर इलाके में गुजैनी के प्राथमिक विद्यालय में साफ-सफाई का कार्य सफाईकर्मी नहीं बल्कि बच्चे करते है और इसके पीछे की वजह आपको और हैरान कर देगी।
स्कूल में एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियां झाड़ू लगाती हैं। यहां की शिक्षिकाएं हाथों में छड़ी लेकर बच्चों को पढ़ाई करने के लिए नहीं बल्कि सफाई कराने के लिए डांटती हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि पूरे दिन बच्चे स्कूल की सफाई ही करते हैं तो पढ़ते कब होंगे।
प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने की शिकायत पर जब टीम पड़ताल के लिए पहुंची तो नजारा देख दंग रह गई। इस स्कूल के बारे में जैसी जानकारी मिल रही थी वहां जाकर देखने पर वैसा ही नजारा दिखा। बच्चों से पढ़ाई की जगह साफ-सफाई कराई जा रही थी।हाथों में छड़ी लेकर शिक्षिकाएं यह कहती नजर आईं कि बच्चों ठीक से झाड़ू लगाओ। इस बारे में जब स्कूल के बच्चों से बात की गई तो पता चला कि विद्यालय की प्रिंसिपल ने नया नियम बनाया है। जिसमें एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियां झाड़ू लगाती हैं।
स्कूल की प्रिंसिपल दीपाली वर्मा कैमरा देखकर असहज हो गईं लेकिन सफाई का काम नहीं रुकवाया। यही नहीं उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अब विद्यालय में सफाईकर्मी नहीं हैं, तो क्या करें, बच्चे ही सफाई करेंगे।

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