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प्रतिष्ठान के मालिक को सूचना देकर पहुंचते हैं फूड इंस्पेक्टर ...

पढ़िए मामला

फूड इंस्पेक्टर द्वारा आईजीआरएस की आख्या में लिखा है कि पाई गई कमियों के लिए खाद्य कारोबारी को कड़े निर्देश दिए हैं। साथ ही, 15 दिन का समय भी दिया गया है। सब सही होने बाद साहब फूड सैंपलिंग करेंगे।

हैलो...... मैं फूड इंस्पेक्टर बोल रहा हूं। आपके दुकान की शिकायत हो गई है...सब सही करके रखना। आज आपके यहां छापेमारी करने आ रहा हूं। यह कानपुर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्यशैली है। विभाग फूड इंस्पेक्टर शिकायत पर आरोपित प्रतिष्ठान के मालिक को सूचना देकर पहुंचते हैं।  

विभाग की कारस्तानी यहीं तक नहीं रूकी। हद तो तब हो गई, जब झकरकटी बस अड्डे की कैंटीन की शिकायत पर जांच करने पहुंचे खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरन सिंह, अजीत कुमार सिंह और चित्रसेन ने आईजीआरएस की शिकायत में हास्यास्पद रिपोर्ट लगाकर कर कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर दी।

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा कैंटीन में खराब खाना परोसे जाने और दुर्व्यवहार की शिकायत गई थी। इसमें फूड सैंपलिंग कराकर उचित कार्रवाई करने के लिए भी अपील की थी। फूड इंस्पेक्टर द्वारा आईजीआरएस की आख्या में लिखा है कि पाई गई कमियों के लिए खाद्य कारोबारी को कड़े निर्देश दिए हैं।

खाद्य अधिकारी की इस रिपोर्ट से कई सवाल उठते हैं

साथ ही, 15 दिन का समय भी दिया गया है। सब सही होने बाद साहब फूड सैंपलिंग करेंगे। खाद्य अधिकारी की इस रिपोर्ट से कई सवाल उठते है? क्या 15 दिन बाद सैंपलिंग कराई गई? सवाल ये भी है की जब किसी को बता कर सैंपलिंग करेंगे, तो ऐसे में सही जांच हो पाएगी। अब देखना है कि इन अधिकारियों की जांच होती है कि नहीं।

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