नर्सिंग स्टाफ कम होने के डर से चिंतित है प्रबंधन ...
तीसरी लहर के बीच हैलट से 45 नर्सों का ट्रांसफर
कोरोना की तीसरी लहर का खौफ हर तरफ है। पूरे देश में संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। आंकड़े बता रहे हैं दूसरी लहर के मुकाबले इस बार संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी मानते हैं की ये संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। अस्पतालों में भी नर्सिंग स्टाफ बढ़ाया जाने लगा है। जो नर्सें छुट्टी पर थीं उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। लेकिन इस बीच हैलट अस्पताल से 45 नर्सें जाने वाली हैं। जाने वाली नर्सों को पदोन्नत किया गया है। ऐसी महामारी के दौरे में शासन के इस फैसले से हैलट प्रबंधन के हाथ पैर फूल गए हैं। जीएसवीएम के प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया, हम लोगों को शासन की तरफ से पत्र मिला है कि 45 नर्सों को प्रमोट कर के दूसरे कॉलेज में भेजा जा रहा है। अगर हम लोग इन्हें रिलीव कर देते है तो हैलट अस्पताल में बहुत बड़ा संकट पैदा हो जायेगा।
45 नर्सों को पदोन्नति के साथ भेजा जा रहा है
हैलट अस्पताल के प्राचार्य डॉ संजय काला ने जानकारी दी की आने वाले दिनों में 45 नर्सें अस्पताल में सेवाएं नहीं देंगी। डॉ काला के अनुसार शासन ने लगभग 45 नर्सों को प्रोन्नति दी है। प्रोन्नति के साथ ही उनका स्थानांतरण भी किया गया है। आदेश लागू होते ही उन्हें हैलट छोड़कर जाना होगा। भविष्य में वो नई तैनाती वाली जगह पर सेवाएं देंगी। हालांकि अभी तक मैंने सभी को रिलीव नहीं किया है। तीसरी लहर को देखते हुए यह चिंता का विषय है।
नर्सिंग स्टाफ कम होने के डर से चिंतित है प्रबंधन
कोरोना की दूसरी लहर में हैलट के डॉक्टरों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। लेकिन तब भी नर्सिंग स्टाफ की कमी के चलते काफी मुश्किलें आई थीं। अब तीसरी लहर की दस्तक के बीच शासन के नर्सों को ट्रांसफर करने से प्रबंधन परेशान है। अगर कोरोना के ट्रेंड को देखे तो मामले गंभीर होना शुरू हुए तो हैलट अस्पताल के पास नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी होना स्वाभाविक है। जिसका सीधा खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना होगा जो इलाज की आस में यहां आएंगे।
दूसरी लहर के बाद हटाई गई थी कई नर्स
दूसरी लहर के बाद करीब 135 नर्सों को हैलट अस्पताल से हटा दिया गया था। तब प्राचार्य ने यह कहा था कि इन सभी नर्सों का कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म हो गया है। इसी कारण इन्हें यहां से हटाया गया है।
26 स्टाफ का किया ट्रांसफर
अभी हाल ही में अक्टूबर के महीने में शासन ने 26 ऑफिस में काम क्लर्क और अन्य ऑफिस स्टाफ को हैलट से ट्रांसफर कर दिया गया था। उनकी जगह पर अभी तक किसी ने ज्वाइन नहीं किया है। अगर 45 नर्स भी यहां से चली गयी तो हैलट के मरीजों के लिए बहुत बड़ी कड़ी हो जाएगी।
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