डेंगू के डंक ने आठ और को मारा, 400 नए मरीज मिले ...
खूनी (फैल्सीपेरम) मलेरिया भी फैलने लगा
महामारी का रूप ले रहे डेंगू से आठऔर मरीजों की मौत हो गई है। कई मरीजों की हालत गंभीर है। सरकारी और निजी पैथोलॉजी लैबों में हुई मरीजों के खून की जांच में 400 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की नाकामी के कारण डेंगू के साथ चिकनगुनिया, खूनी (फैल्सीपेरम) मलेरिया भी फैलने लगा है।
गुरुवार को हैलट, उर्सला की ओपीडी में चिकनगुनिया के लक्षणों वाले कई मरीज पहुंचे। सरकारी से लेकर अधिकतर निजी अस्पतालों के बेड फुल हैं। डेंगू की वजह से रीजेंसी अस्पताल में भर्ती शिक्षिका निमिषा (30) की सुबह मृत्यु हो गई। बहराइच के प्राथमिक विद्यालय में तैनात सौरिख (कन्नौज) के अंबेडकर नगर निवासी निमिषा दीपावली में घर आईं थीं, तभी उन्हें बुखार आया।
उनकी मौत का पता चलते ही पति और ससुर की हालत बिगड़ गई, दोनों को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। निमिषा का पांच साल का बेटा और तीन साल की बेटी है। ससुर सलेमपुर के ग्राम प्रधान और कुतुबपुर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य रह चुके हैं। हैलट में भर्ती ग्राम शाहपुर, डेरापुर (कानपुर देहात) निवासी रामचंद्र (50) की भी मौत हो गई।
डॉक्टरों के अनुसार रामचंद्र को डेंगू के साथ सेप्टीसीमिया भी था। वहीं हैलट इमरजेंसी में 6 तारीख को भर्ती कराए गए विजय नगर निवासी रमेश के बेटे पारस (19), ग्राम मानिकपुर, मंगलपुर (कानपुर देहात) निवासी ज्ञान प्रकाश के बेटे धर्मेंद्र कुमार (36) की हैलट में मौत हो गई।
अजीतगंज, बाबूपुरवा निवासी दयाराम मौर्या की पत्नी देववती (55) की हैलट इमरजेंसी के मेडिसिन विभाग में मौत हो गई। इन मरीजों के तीमारदारों का कहना था कि निजी पैथोलॉजी लैबों में हुई जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। बिल्हौर कस्बे के बलराम नगर मोहल्ला निवासी सोनी (30) पत्नी सर्वेश की गुरुवार को कानपुर के एक निजी हॉस्पिटल में मौत हो गई।
परिजनों ने सोनी के डेंगू होने की बात कही है। हाशिमपुर गांव निवासी रेशमा (40) पत्नी चंद्रकुमार की भी मौत डेंगू से हो गई। ककवन के मुनव्वर गांव में बुखार से पीड़ित रामचंद्र बाथम (60) की मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक रामचंद्र को डेंगू था।
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