आयुष्मान योजना में बने फर्जी लाभार्थी फर्जीवाड़ा ...
पोर्टल के ऐड मेंबर ऑप्शन का किया गलत इस्तेमाल
कानपुर में आयुष्मान योजना में फर्जी लाभार्थी बनाए जाने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि गाजीपुर के एक व्यक्ति ने आयुष्मान पोर्टल के ऑप्शन ऐड मेम्बर का गलत इस्तेमाल करके डेढ़ सौ से अधिक परिवारों को योजना का लाभार्थी बना दिया है। इन फर्जी लाभार्थियों में 30 परिवार कानपुर नगर के भी हैं। स्टेट एजेंसी फॉर हेल्थ इंश्योरेंस एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेस (साचीज) से इस संबंध में सीएमओ कार्यालय पत्र भेजा गया है। इससे हड़कंप मच गया। आयुष्मान की टीम इन परिवारों का ब्यौरा खंगालने में जुट गई है।
गाजीपुर के एक व्यक्ति ने आयुष्मान पोर्टल के ऐड मेम्बर ऑप्शन का गलत इस्तेमाल किया है। दरअसल इस ऑप्शन का इस्तेमाल शादी होने या बच्चा पैदा होने पर किया जाता है। अगर किसी की शादी हुई है तो विवाह प्रमाण पत्र के साथ नए सदस्य को जोड़ा जाता है। इसी तरह बच्चा पैदा होने पर जन्म प्रमाण पत्र के साथ नया नाम जोड़ा जाता है। घोटाला करने वाले व्यक्ति फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नाम जोड़े हैं। जांच में यह पकड़ में आ गया है इस पर स्टेट एजेंसी फॉर हेल्थ इंश्योरेंस एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेस (साचीज) ने संबंधित जिलों को नोटिस जारी कर दी है।
फर्जीवाड़ा करने वाले ने विभिन्न जिलों में फर्जी लाभार्थी बनाए हैं। इसके साथ उन्हें गोल्डन कार्ड भी जारी कर दिया गया है। नगर के 30 परिवार इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। फर्जी लाभार्थियों को चिन्हित किए जाने के बाद उनकी जांच पड़ताल की जा रही है। बुधवार को साचीज की नोटिस सीएमओ कार्यालय को मिल गई है। इस पर परिवारों की छानबीन का सिलसिला शुरू कर दिया। उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि गोपनीय जांच के बाद अगली कार्रवाई होगी।
आयुष्मान पैनल के अस्पतालों ने आयुष्मान रोगियों को इलाज देने से मना कर दिया। रोगियों को बेड खाली न होने का बहाना करके टरका दिया गया। बाद में रोगियों ने पैसा देकर दूसरे अस्पतालों में इलाज कराया। दोनों रोगी बांदा के हैं। बांदा के मुख्य चिकित्साधिकारी की शिकायत के बाद आयुष्मान के जिला शिकायत प्रबंधक (डीजीओ) आशीष दीक्षित ने बुधवार को नोटिस जारी कर दी है।
डीजीओ ने बताया कि टाट मिल स्थित कृष्णा हॉस्पिटल और लखनपुर रोड, अवधपुरी स्थित संजीवनी हॉस्पिटल को नोटिस दी गई है। बांदा के रहने वाले अवधेश की पत्नी माया (45) को कृष्णा हॉस्पिटल और बांदा के ही शब्बीर को संजीवनी हॉस्पिटल से लौटाया गया। योजना के रोगियों से बेड खाली न होने का बहाना किया गया। वहीं हैलट के हड्डी रोग विभाग में भर्ती आयुष्मान मरीजों से बाहर से दवाएं मंगाए जाने की शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में की गई है। शिकायत रोगी महावीर वर्मा ने की है कि उसे कैशलेस इलाज नहीं मिल रहा है।
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