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नायक बनकर जेल से बाहर आ सकता है पीयूष जैन ...

64 KG सोना तस्करी में कस्टडी मांगेगी रेवेन्यू इंटेलिजेंस 


कानपुर का इत्र कारोबारी पीयूष जैन नायक बनकर जेल से बाहर निकल सकता है। दरअसल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की अहमदाबाद टीम ने कानपुर में उसके घर से जो 177.45 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे, अब इस रकम को टीम ने कारोबारी का टर्नओवर मान लिया है।

उधर, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने 64 KG सोना तस्करी के मामले में पीयूष जैन को कस्टडी में लेने का निर्णय लिया है।

टैक्स चोरी के लिए करोड़ों का हुआ नकद लेनदेन

इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर DGGI अहमदाबाद की टीम ने GST की धारा 132 A और 67 के तहत कार्रवाई की है। GST की धारा 69 के तहत उसे गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। पीयूष जैन के वकील सुधीर मालवीय ने बताया कि DGGI ने आरोप लगाया है कि टैक्स चोरी करने की नीयत से इनवॉइस का गलत इस्तेमाल हुआ है।

मालवीय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में लगभग 35 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला पकड़ा गया है। जिसकी पेनाल्टी सहित कुल 52 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। इसके लिए DGGI को पीयूष जैन की तरफ से उसके खाते से पेनाल्टी सहित वसूलने का प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। हालांकि अभी खाते से रकम नहीं निकाली गई है।

पांच साल की हो सकती है सजा, मिल जाएगी जमानत

GST के वरिष्ठ वकील सुधीर शर्मा बताते हैं कि अब तक की कार्रवाई के मुताबिक पीयूष जैन को 5 साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि यदि पकड़ी गई रकम का वास्ता किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में पाया गया तो जमानत मिलना आसान नहीं होगा। DGGI अपने विभाग की टैक्स चोरी साफ होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए यह मामला इनकम टैक्स को सौंपेगा। तब 3 गुना पेनाल्टी वसूली जाएगी, जबकि GST की चोरी पर 100 गुना की पेनाल्टी वसूली जाती है।

ईडी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला यदि आता है तो भी जमानत में काफी मुश्किल हो सकती है। इसके लिए DGGI की कार्रवाई खत्म होने का इंतजार करना होगा। तभी कुछ कह पाना संभव होगा।

मनी लॉन्ड्रिंग और ED की कार्रवाई होना तय

कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप मिश्रा ने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में नकदी और सोना-चांदी मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पीयूष जैन की कंपनी द्वारा कुल कितना टर्नओवर है, यह भी देखने वाली बात है।

इतनी ज्यादा मात्रा में नकदी तो कई हजार करोड़ के टर्नओवर करने वाले कारोबारियों के पास भी रहना गैरकानूनी है। सभी बड़े लेनदेन बैंक द्वारा ही हो रहे हैं। ऐसे में DGGI की कार्रवाई आने वाले कुछ दिनों में इनकम टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग और ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा भी होना तय मानी जा रही है।

बेटे को पूछताछ के लिए उठाया

DGGI ने कोर्ट में कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। इसमें जिक्र है कि पीयूष जैन ने कारोबार में गैरकानूनी ढंग से नकदी के इस्तेमाल और टैक्स बचाने की नीयत से इनवॉइस का गलत इस्तेमाल किया है। अब उसे 52 करोड़ रुपए की पेनाल्टी भरकर जमानत मिल सकती है। DGGI की रिपोर्ट के बाद इनकम टैक्स भी कार्रवाई नहीं कर पाएगा।

हालांकि 64 KG सोना और 600 किलो चंदन तेल की बरामदगी मामले में उसकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। GST के जानकारों का कहना है कि ज्यादा कुछ हुआ तो बाद में मनी लॉन्ड्रिंग और ED की कार्रवाई हो सकती है। मंगलवार की रात पीयूष जैन के बेटे प्रत्यूष जैन को भी DGGI की टीम कन्नौज से अपने साथ पूछताछ करने के लिए ले गई है।

शिखर पान मसाले पर की थी छापेमारी

DGGI अहमदाबाद की टीम ने बीते 22 दिसंबर (बुधवार) को शिखर पान मसाला और ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। शिखर पान मसाला और ट्रांसपोर्टर के यहां से मिले दस्तावेजों के आधार पर DGGI की टीम ने पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित बंगले पर छापेमारी की, जहां से बेहिसाब कैश बरामद हुआ था। 

बेहद गोपनीय रखा जाता है कारोबार

कन्नौज में इत्र कारोबारी बेहद गोपनीयता बरतते हैं। स्थानीय निवासी इंद्रेश जैन ने बताया कि किस पान मसाला के कंपाउंड को बनाने में किस इत्र और केमिकल का यूज और कितना किया गया, ये कोई किसी को भी नहीं बताता है। पान मसाला कंपनियां भी किससे कंपाउंड लेती है, ये भी बेहद गोपनीय रखा जाता है। देश की बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी पान मसाला बनाने वाली कंपनी का कंपाउंड (फ्लेवर और स्वाद) कन्नौज से ही जाता है।

चीजों से है बेहद लगाव

पीयूष जैन के पड़ोसी निशंक जैन ने बताया कि पीयूष को अपनी चीजों से बेहद लगाव है। कार्रवाई से 3 दिन पहले ही निशंक की पीयूष जैन से दुआ-सलाम हुई थी। बताया कि उसने जो भी चीज खरीदी उसे कभी नहीं बेचा। उसके पास एलएमएल स्कूटर के अलावा पुरानी राजदूत मोटरसाइकिल भी है।

उसके पास पुरानी सैंट्रो कार भी है तो नई फार्च्यूनर गाड़ी भी है। उसके पास पुरानी क्वालिस गाड़ी भी है। उसका और पूरे परिवार का रहन-सहन भी बेहद साधारण ही रहा है। उसने कानपुर हो या कन्नौज घर को भी खाली नहीं छोड़ा।

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