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प्रधानमंत्री की अपील का निकाला गलत मतलब ...

जनता कर्फ़्यू के समर्थन संग अंधविश्वास को बढ़ावा

कानपुर-: पी एम मोदी के जनता कर्फ़्यू की अपील का जनता द्वारा किया गया ज़बरदस्त समर्थन। पूर्ण रूप से बंद रहे शहर, क़स्बे, गाँव, पूरा दिन प्रशासन रहा मुस्तैद, चाकचौबंद जनता ने भी किया पूरा संयोग। सड़को पर पसरा रहा सन्नाटा, पूरी तरीक़े से बंद रहे कानपुर नगर में सभी प्रतिष्ठान। घरों पर रह परिवार संग लोगो ने कोरोना वायरस से जनहित में सर्वसुरक्षा के लिए किया जनता कर्फ़्यू को सफल बनाने का प्रयास।

प्रधानमंत्री की अपील का निकाला गलत मतलब

"जनता कर्फ़्यू" की अपील का पूरे देश ने किया समर्थन, इमरजेंसी ज़रूरतों के लिए ही निकले लोग। शाम 5 बजे तक दिखा पूर्ण असर, 5 बजे के पश्चात लोगो में दिखा अंधविश्वास का असर बताते चले कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनता से अपील की गई थी कि 22 मार्च रविवार को जनता कर्फ़्यू के दिन शाम 5 बजे आप सब अपने अपने घरों पर थाली बर्तन शंखनाद घंटी बजा कर उन सब व्यक्तियों का अभिवादन कर हौसला अफ़ज़ाई करे जो इस विकट परिस्थिति/आपदा कोविड 19 (कोरोना वायरस)के विरुद्ध जंग में अपना महत्वपूर्ण योगदान जनहित संग राष्ट्रहित में सम्पूर्ण समर्पण के साथ दिन रात दे रहे है (डॉक्टर्स, पुलिस प्रशासन, पत्रकार, दवा विक्रेता, समाजसेवी, वैज्ञानिक आदि), परंतु जनता द्वारा पूरे दिन के प्रभावी जनता कर्फ़्यू के समर्थन के पश्चात शाम 5 बजे सोशल मीडिया एवं कुछ एक तथाकथित राजनीतिक बुद्धिजीवियों द्वारा प्रचारित एवं प्रसारित अंधविश्वास (ध्वनि प्रवाह से कोरोना वायरस की समाप्ति) के चलते सड़कों पर उतर कर अपने स्वयं के सफ़ल प्रयास पर पानी फेर दिया साथ ही प्रशासन के लिए भी काफ़ी हद तक चुनौती खड़ी कर दी थी। मंत्रो उचारण, अज़ान, गुरुवाणी से ऊर्जा का प्रवाह होता है सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, अंतरात्मा में धर्म के प्रति प्रबल आराध्य की भावना उत्पन्न होती है न कि कोरोना वायरस का इलाज संभव है।

यात्री हुए परेशान

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी से नगर पहुँचे यात्री को हुई कुछ परेशानी, रेलवे प्रशासन द्वारा नही उपलब्ध कराई गई कोई सुविधा, निर्धारित स्थान तक पहुँचने में लोकल ट्रांसपोर्ट न उपलब्ध होने के चलते हुई काफ़ी दिक्कतें, सूत्रों अनुसार कुछ यात्रियों की बिगड़ी तबियत। बताते चले जनता कर्फ़्यू के दौरान कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन परिसर के कूड़ा घर में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दी गई जिस से आस पास की क्षेत्रीय जनता को हुई काफ़ी दिक्कत। रेलवे प्रशासन एवं अधिकारियों से संपर्क करने पर नही प्राप्त हुई आग लगने के कारणों की सटीक जानकारी।

खाद प्रदार्थो के लिए रही मारामारी

जनता कर्फ़्यू के आव्हान के बाद से ही जनता द्वारा ज़रूरी वस्तुओं की ख़रीदारी प्रारम्भ कर दी गई थी, सरकार एवं प्रशासन की ओर ने जनता की सुविधाओं (दैनिक ज़रूरत की वस्तुओं) की पूर्ण  आपूर्ति का विश्वास के साथ कड़े निर्देश जारी किए गए थे किसी भी प्रकार की काला बाज़ारी को लेकर परंतु जनता को पहले दिन ही निराशा का सामना करना पड़ा । दैनिक वस्तुओं में विशेष तौर पर दूध के लिए लोगो को जगह जगह पड़ा भटकना, कई दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खुदरा अंकित मूल्यों के ऊपर हुई बिक्री।

प्रशासन रहा फिफ्टी फिफ्टी

वैसे तो पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन द्वारा सरहानीय कार्य किया गया, पुलिस महकमा पूर्ण रूप से दिखा मुस्तैद परंतु कुछ एक स्थानों पर राहगीरों यात्रियों को कोरोना से पहले पुलिस के डंडे से होना पड़ा दो चार जिस के कई वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुए।

25 मार्च तक लॉक डाउन 

प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों को 25 मार्च तक के लिए लॉक डाउन करने का आदेश  जारी कर दिया है। इमरजेंसी सुविधाओं एवं खानेपीने के उपयोग की वस्तुओं पेट्रोल पंप बैंक आदि कुछ पर ढील सरकार द्वारा जारी रखी गई है।

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