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हुजूर की शान में नात और दरूद-ओ-सलाम की तिलावत ...

 रंग बिरंगी लाइटों से रौशन हर गली कूचा

अयोध्या मसले पर सुप्रीमकोर्ट का फैसले आने के बाद शनिवार को मुस्लिम बहुल इलाकों में माहौल सामान्य रहा। फैसले के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश 12 रबीउल अव्वल (10 नवंबर) की पूर्व संध्या पर होने वाले जश्न-ए-चरागां की तैयारियां शुरू कर दीं।
 शुक्रवार रात को कई जगहों पर जश्न-ए-चरागां के लिए चल रहे काम को रोका गया था। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में बन रहे सजावटी गेट और रोशनी का काम शुक्रवार रात को कुछ ही जगहों पर हो सका। फैसले को लेकर सभी सशंकित थे। इसलिए काम रुक गया।
शनिवार दोपहर 12 बजे के बाद कारीगरों ने सजावट के काम को अंतिम रूप दिया। इसके बाद लोग जश्न-ए-आमद रसूल की खुशियों की तैयारियों में जुट गए। सरवर-ए-कायनात पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश (जन्मदिवस) 12 रबीउल अव्वल की पूर्र्व संध्या पर शनिवार को पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठा।
मुस्लिम समाज और हिंदू-मुस्लिम एकता वाली अंजुमनों ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में जश्न-ए-चरागां कर सरकार की आमद की जश्न मनाया। हर तरफ हुजूर की शान में नात और दरूद-ओ-सलाम की तिलावत हुई। जगह जगह नातिया कलाम की कैसेटें बजाई गईं।
इस भव्य रोशनी को देखने के लिए न सिर्फ मुस्लिम समाज बल्कि हिंदू व अन्य धर्मों के लोग भी देखने पहुंचे। शहर में बड़े बडे़े भव्य सजावटी गेट बनाकर उसमें देश और विदेश की खूबसूरत मस्जिदों की प्रतिकृति उभारी गई। रविवार को परेड के रजबी ग्राउंड से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा। अंजुमन जिया-ए-नबी की ओर से रजबी रोड पर मिस्र की मस्जिद बिलाल का नक्शा का 70 फीट ऊंचा गेट बनाया गया। इसे देखने के लिए दूरदराज से लोग आए। 

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