कुलहिंद जमीयतुल अवाम ने प्रेसवार्ता कर जताया कड़ा विरोध ...
सार
कानपुर: दिनांक तीन अगस्त मंगलवार को कुलहिंद जमीयतुल अवाम के तत्त्वाधान में थानां बेकनगंज अंतर्गत स्थित गरीब नवाज हॉल में प्रशासन द्वारा इस्लामी कैलेंडर के पहले माह पर्व मोहर्रम पर जारी की गई गाइडलाइन में प्रयोग की गई अनुचित भाषा पर विरोध प्रकट करने हेतु सुन्नी शिया धर्मगुरुओं द्वारा की गई संयुक्त प्रेसवार्ता।
विस्तार
कोविड 19 के पुनः बढ़ते प्रकोप के चलते शासन द्वारा बीते वर्ष के भाती ही आने वाले आगामी पर्व मोहर्रम को कोविड 19 के शासन प्रशासन द्वारा निर्धारित एवं निर्देशित मानकों के साथ मनाने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है,जिस पर शिया सुन्नी मुस्लिम वर्ग के धर्मगुरुओं द्वारा अपनी रज़ामंदी भी जनहित में शासन प्रशासन को दे दी गई थी। किसी भी प्रकार के वाद विवाद से दूर रहते हुए बीते वर्ष के भाती इस वर्ष भी इस्लामिक कैलेंडर का प्रथम माह मोहर्रम जिस के प्रति मुस्लिम समाज में बड़ी ही आस्था है, मुस्लिम समाज द्वारा सादगी एवं शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न करने को तैयार है।
विवाद का कारण
प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों में प्रयोग की गई शब्दावली जिस में अशांति, अपराधियों असामाजिक तत्वों आदि शब्दो का प्रयोग मुस्लिम समाज एवं मोहर्रम के पाक माह को लेकर प्रशासन द्वारी जारी सर्कुलर में किया गया है विवाद का विषय बन गया जिसको लेकर मुस्लिम समाज काफी आहत एवं रोष में भी है।
सुन्नी काज़ी ए शहर:- मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही ने शासन प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए बोले कि इस प्रकार की अभ्रद भाषा एवं मानसिकता का हम पुरज़ोर विरोध करते है। हमारे पाक मुक़दस ताज़ीम माह मोहर्रम हराम की आयोजन क्रिया पर ज़िम्मेदार व्यक्तियों द्वारा तत्यविहीन अशोभनीय शब्दो से पूर्ण भाषा का प्रयोग बिना पूर्ण ज्ञान एवं जानकारी के मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य है जिस की हम विरोध करते है और सरकार में बैठे ज़िम्मेदार लोगो से अपनी गलती सुधारने का सर्वप्रथम अनुरोध करते है, अन्यथा कुलहिंद जमीअतुल अवाम अन्य शांतिपूर्ण कठोरतम फ़ैसले लेने के बाध्य होगी।
शिया काज़ी ए शहर:- मौलाना हामिद हुसैन साहब ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा की इतने पाक माह मोहर्रम हज़रत इमाम हुसैन की शहादत पर गम ज़ाहिर करने का माह उसपर ऐसी भाषाशैली का प्रयोग, यह किसी समझदार व्यक्ति द्वारा एवं जनता द्वारा चुनी गई सरकार एवं उसके आधीन प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जारी सर्कुलर नही बल्कि किसी संकीर्ण मानसिकता से ग्रसित व्यक्ति द्वारा लिखित गलियों से पूर्ण पत्र मात्र प्रतीत होता है, जिसके द्वारा किसी वर्ग व्यक्ति विशेष संप्रदाय पर अपनी कुंठित भड़ास निकाली गई हो। जिस का हम विरोध करते है साथ ही इस सर्कुलर की वापसी की माँग के साथ ऐसे शरारती तत्वों पर भले ही वह ऊँच्च पदों पर शासन में आसीन हो निष्पक्ष जांच के संग कार्यवाही की मांग करते है। हमारा विरोध इंसाफ मिलने तक जारी रहेगा।
सभा में उपस्थित जन
शहर काजी मौलाना मुफ़्ती साकिब अदीब मिस्बाही, शिया काज़ी ए शहर मौलाना हामिद हुसैन रिज़वी, मौलाना अली अब्बास खान शिया काज़ी ए शहर, नायब शहर क़ाज़ी कारी सगीर आलम हबीबी, पत्रकार मेहबूब आलम महामंत्री कुलहिंद जमीयतुल अवाम, मुफ़्ती शहर हनीफ बरकाती, कारी अब्दुल मुत्तलिब, अब्दुल माबूद, मौलाना सईद अब्बास, हाफिज कफ़ील हुसैन खान, ख़लीफ़ा इस्लाम खान, आज़ाद मुफ़्ती रफी अहमद, मौलाना अज़हर अब्बास, मौलाना नसीम अब्बास, मौलाना गुलाम मुस्तफा,मौलाना शाह आलम,मौलाना अलमदार हुसैन, नुसरत आबिदी, मौलाना मोहम्मद हुसैन, अख़लाक़ अहमद डेविड, मौलाना ज़ीशान, मौलाना कंबर कफ़ील कुरैशी, असद सिद्दीकी, हाशिम रिज़वी, दिलशाद अहमद, हाफ़िज़ सरताज़ आदि उपस्थित रहे।
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