अपहरण में गिरफ्तार आरोपी की तस्वीरें बीजेपी नेताओं के साथ ...
आरोपी राम जी शुक्ला की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल
इस को आप संयोग ही कहेंगे बीते कुछ एक महीनों में कानपुर सहित यूपी के तमाम शहरों में हुए विभिन्न अपराधों में आरोपित व्यक्तियों के तार कही न कही वर्तमान सत्ता में आसीन सरकार के नुमाइंदों के साथ जुड़ते नज़र आ रहे है। वैसे तो यह आम बात है परंतु वर्तमान समय में जहाँ प्रदेश के मुखिया का पूर्व कहे एक संबोधन को याद करे तो तमाम घटनाएं बस एक ही बात पर आकर पूर्ण विराम लगती है कि राजनीति इस ही का नाम है।
कानपुर:- लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण मामले में एक ट्वीट सामने आया है। इस मामले में गिरफ्तार हुए एक आरोपी राम जी शुक्ला के कई फोटो बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी, बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी और बीजेपी नेता जीत प्रताप सिंह के साथ दिख रहे हैं। ऐसे में लोग आरोपी राम जी शुक्ला को बीजेपी कार्यकर्ता बता सवाल उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण 22 जून को हो गया था। 29 तारीख को अपहरणकर्ता का फोन आने के बाद 13 जुलाई को परिवारवालों ने 30 लाख रुपये की फिरौती भी दे दी, लेकिन संजीत का पता नहीं लगा। पुलिस घटनास्थल और सर्विलांस के जरिए पीड़ित परिवार के ही करीबियों पर शक जताती रही और क्षेत्र में रहने वाले कुछ बदमाशों को तलाशती रही। बाद के दिनों में यह आशंका जताई गई कि फिरौती मिलने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि संजीत की लाश अब तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।
इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी ने बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय को निलंबित कर दिया था और सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को नया प्रभारी बनाया था।
30 लाख रुपये की फिरौती दिलवाने के बाद भी संजीत यादव को छुड़ाने में नाकाम
बर्रा में अपहर्ताओं को पीड़ित परिवार से 30 लाख रुपये की फिरौती दिलवाने के बाद भी संजीत यादव को छुड़ाने में नाकाम बर्रा के चर्चित थाना प्रभारी रणजीत राय को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था। उनके स्थान पर सॢवलांस सेल प्रभारी को नया थाना प्रभारी बनाया गया है। अपहरण कांड में सॢवलांस सेल नाकाम साबित होने के बाद भी उसके प्रभारी को थाना प्रभारी बनाने पर भी उंगलियां उठ रही हैं। पुलिस को संजीत की या बदमाशों की कोई लोकेशन नहीं मिल पाई।
बर्रा से हटाए गए थानेदार रणजीत राय का खनन माफिया के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें वह खनन माफिया का साथ देते हुए सुनाई पड़ रहे थे।
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