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15 हजार के डंडे तोड़े, एक लाख के बुलेट दागे ...

नागरिकता संशोधन कानून हिंसा

कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा के दौरान हुई नुकसानी का आकलन हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नए सिरे से होना है। इसके लिए जल्द ही कमेटी गठित की जानी है। हालांकि बवाल को थामने के लिए फोर्स के कुछ खर्चों का अनुमान लगाया जा चुका है।
प्रतिसार निरीक्षक सुरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि हिंसा और उपद्रव को रोकने के लिए पुलिस ने 70 हजार रुपये के रबर बुलेट और 30 हजार रुपये के टीयर बुलेट दागे। इसके अलावा 15 हजार रुपये के डंडे टूटे थे। बॉडी प्रोटेक्टर और सरकारी वाहनों के खर्च का आकलन अभी किया जा रहा है।
फोर्स के आने-जाने में प्राइवेट वाहनों को लिया गया था। इसका खर्च भी अभी तक नहीं जोड़ा गया है। दमकल की गाड़ियों और पानी पर आए खर्च का हिसाब सीएफओ से मांगा गया है। आगजनी और तोड़फोड़ में हुए नुकसान का हिसाब कमेटी के सदस्य फिर से करेंगे।

फोर्स के डीए पर ही करीब डेढ़ करोड़ के खर्च का अनुमान

बाबूपुरवा में हिंसा भड़कने के बाद प्रदेशभर से फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स बुलाई गई थी। यह फोर्स 21 दिसंबर से 20 जनवरी तक तैनात रही थी। इसमें 200-आईटीबीपी, 200-आरएएफ, 100-एसएसबी, 400-पीएसी के जवान थे। उन्नाव ट्रेनिंग सेंटर से 200 दरोगा, 425 सिपाही और जालौन से 200 सिपाहियों को बुलाया गया था।
फोर्स को कमांड करने के लिए एक आईजी, दो एसपी, दो सीओ और 20 इंस्पेक्टर भी गैर जनपद से बुलवाए गए थे। राजपत्रित अफसरों को एक दिन का 600 रुपये और अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को 420 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से डीए का भुगतान किया गया। पुलिस के अनुमानित आंकड़े के मुताबिक करीब डेढ़ करोड़ रुपये डीए में भी खर्च हुए हैं। 

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