बदलते विकसित भारत की छवि को धूमिल करता एक मोहल्ला ...
विकास हाज़िर हो
बदलते विकसित भारत की छवि को धूमिल करता कानपुर नगर के थाना सचेंडी अंतर्गत नटो का मोहल्ला जो की बीते कई दशकों से राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण किसी नरक से कम नज़र नही आता जहाँ की क्षेत्रीय जनता को विकास की आस और तलाश है। जहाँ विकास शब्द जनता के लिए किसी भद्दे मज़ाक या गाली से कम नही।
कानपुर: बड़े बड़े वादों और दावों की पोल खोलता कानपुर नगर का थाना सचेंडी अंतर्गत नटो का मोहल्ला जहाँ की जनता नरकीय जीवन जीने को विवश है। जहाँ विकास के नाम पर योजनाओं की सूचना तो सरकारी दस्तवेज़ों में दर्ज होती है परंतु पिछले कई दशकों से क्षेत्रीय जनता तक विकास नाम मात्र भी नही पहुँच पाया है। सांसद विधायक प्रधान जनता द्वारा चुना गया कोई भी जन प्रतिनिधि एवं प्रशासन में विराजमान संबंधित अधिकारियों किसी को जनता की कोई फिक्र नही चिंता मात्र पद एवं चुनाव तक साम दाम दंड भेद कैसे भी कुर्सी पर विराजमान हो जाये बाद में तो जनता जीए या मारे किसको कोई फ़र्क़ नही पड़ता है।
मजबूर गरीब जनता
कोई ऐसा स्थान जहाँ सड़क के नाम पर कच्ची पानी और कीचड़ से भरा सकरा रास्ता हो जहाँ किसी भी प्रकार के पानी की निकासी का कोई साधन न हो क्या करेंगे आप और कैसे अपना जीवनयापन करेंगे ऐसे गंदे वातावरण में, परंतु सचेंडी का नटो के मोहल्ले के लोग दशकों से इस दर्दनिय वातावरण में जीने को विवश है। नटो के मोहल्ले में न तो कोई सड़क है न ही पानी निकासी का कोई उचित बंदोबस्त जिस के कारण हर तरफ गंदगी का अंबार है। क्षेत्र का कोई ऐसा हिस्सा नही है जहाँ कीचड़ दलदल का रूप न ले चुकी हो हद तो यहाँ तक है कि नटो के महल्ले का एक मात्र मंदिर माँ शारदा देवी का मंदिर भी इस गंदगी का शिकार बन चुका है नवरात्रि के इस पावन अवसर पर भी किसी भी प्रकार के सुधार का कोई प्रयास ग्राम प्रधान द्वारा नही किया गया है जिस के कारण जानता में बहुत आक्रोश व्याप्त है। गंदगी अब अपनी सब हद्दे पार कर चुकी है जिस के चलते बीमारियों का डेरा है कभी भी यह परिस्थिति कोई विकराल घटना का रूप ले सकती है स्कूल जाने तक का रास्ता गायब है बच्चों को स्कूल तक पहुँचने में कितनी कठिनाई होती है यह देख कर हमारी टीम स्तंभ रह गई ज़रा सी सावधानी हटी दुर्घटना घटी सरल शब्दों में क्या बड़े क्या बच्चे सब त्रस्त।
क्या कहती है जनता
क्षेत्रीय जनता की पीड़ा का अंदाज़ा उनकी आक्रोशित वाणी में साफ झलकता है। जनता को भरोसा न अपनी प्रधान पर है न ही देश प्रदेश की सरकारों पर। जनता का साफ कहना है हम सिर्फ चुनाव भर याद रहते है चुनाव ख़त्म हम गरीबों से किसी को कोई लेना देना नही। योजनाओं की सूचना का दिखावा किसी संबंधित अधिकारी के आगमन पर भीड़ जुटाना नेता जी की रैलियों में जयकारा लगवाना जैसे कार्यो में तो हम गरीबो को बहला फुसला प्रलोभन दे अपने हित साधने के लिए क्षेत्रीय नेताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और किसी कार्य के लिए एवं जन समस्याओं की सूचना और समाधान के लिए नेता जी के दरवाज़े पहुँचने पर उल्टे सवालों की बौछार पीड़ित जनता से ही कि जाने लगती है। क्षेत्र में हमारी टीम को कोई भी एक व्यक्ति ऐसा नही मिला जो इन समस्याओं से पीड़ित न हो और हो भी क्यो न जिस के दरवाजे गंगा जमुना बहे वह नाव की सोचेगा न कि चार पहिया वाहन के सैर की तैयारी करेगा जी हाँ सब के मुख पर एक ही बात विकास यह क्या होता है हमसे तो कभी इसका कोई वास्ता रहा नही, देखा तो नही पर टी वी पर सुना बहुत है विकास जैसा भी कुछ है इस धरती पर।
वर्तमान स्थिति
नटो के महल्ले में जिधर नज़र दौड़ाओं एक ही स्थिति नज़र आती है त्रस्त जनता लापता सड़क बेहिसाब गंदगी नदारद जनप्रतिनिधि। कहने वालों की कोई कमी नही पर सुनने वाला कोई नही। सरकारें आती जाती रही वादों के पुलिंदे बनते रहे वोटो की राजनीति के सभी दावों का चुनावी समर में बख़ूबी इस्तेमाल होता रहा सिर्फ विकास की आस पर पर चुनाव पश्चात भोली भाली जनता को सिवाए छल के कुछ नही मिला।
जारी रहेंगी मुहीम
जनता की समस्याओं को संबंधित लोगो तक पहुँचा कर जल्द से जल्द उनकी सभी समस्याओं का निवारण करना अब हमारा उद्देश्य है जिस के प्रति हमारी टीम संकल्पित है।