Total Visitors : 6 0 4 1 9 6 2

पति से तलाक के लिए कोर्ट में दी अर्जी ...

13 साल पहले करवाई थी नसबंदी

सास हरकुंवर ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2008 में सविता ने बेटी को जन्म दिया था। वर्ष 2010 में बेटे के जन्म के बाद उसने नसबंदी करा ली थी। पुलिस को इससे संबंधित कोई मेडिकल साक्ष्य नहीं मिल सका। नसबंदी की पुष्टि के लिए उसका मेडिकल कराया जाएगा।

कानपुर में इनकम टैक्स अफसर बनकर फजलगंज थाने में तैनात सिपाही जितेंद्र गौतम से शादी करके 10 लाख हड़पने वाली धोखेबाज दुल्हन शिवांगी उर्फ सविता ने 13 साल पहले ही अपनी नसबंदी करवा ली थी। इसके बाद अपने पहले पति से तलाक के लिए कोर्ट में भी अर्जी डाली थी।

नसबंदी की पुष्टि के लिए पुलिस सविता का मेडिकल कराएगी। पुलिस इसके लिए गुरुवार को कोर्ट में अर्जी देगी। नजीराबाद थाना प्रभारी कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि सविता ने 15 साल पहले मऊरानीपुर निवासी बिजेंद्र से शादी की थी। उससे दो बच्चे एक बेटी व एक बेटा नरेश हैं।

दोनों बच्चे मऊरानीपुर स्थित प्रताप इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ते हैं। बुधवार को पुलिस की टीम सविता के दुर्गापुर स्थित ससुराल पहुंची। पुलिस ने सविता के दोनों बच्चों व सास हरकुंवर और ससुर शिवदीन से पूछताछ की। पूछताछ में ससुर ने बताया कि पिछले ढाई साल से सविता पूरे गांव में खुद को इनकम टैक्स का अधिकारी बताती थी।

फरार पहले पति का अब तक सुराग नहीं

वह अक्सर दो तीन माह में बच्चों से मिलने आती थी। तीन माह पहले भी वह गांव आई थी, लेकिन आधे घंटे बाद लौट गई थी। इसके बाद से कुछ पता नहीं चला। वहीं, फरार पहले पति का अब तक सुराग नहीं लग सका है। सास हरकुंवर ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2008 में सविता ने बेटी को जन्म दिया था।

नसबंदी की पुष्टि के लिए कराया जाएगा मेडिकल

वर्ष 2010 में बेटे के जन्म के बाद उसने नसबंदी करा ली थी। पुलिस को इससे संबंधित कोई मेडिकल साक्ष्य नहीं मिल सका। नसबंदी की पुष्टि के लिए उसका मेडिकल कराया जाएगा। इसी के बाद सविता ने ब्रजेंद्र से तलाक लेने के लिए कोर्ट में अर्जी डाल दी थी, लेकिन मामले में फैसला नहीं हो सका था।

कोर्ट में दिया गलत बयान

सविता ने कोर्ट में बयान दिया था कि ब्रजेंद्र से उसका आपसी सहमति से तलाक हो गया था, जबकि ऐसा नहीं हुआ था। सविता तारीख पर नहीं पहुंच सकी थी, जिससे उसकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। पुलिस इसके साक्ष्य भी विवेचना में शामिल करेगी।

प्रेमी को दिया था 20 लाख में मकान

पुलिस की जांच में पता चला कि सविता ने 50 लाख रुपये कीमत के मकान को महज 20 लाख रुपये में अपने प्रेमी को बेचा था। उस दौरान उसने अपने दस्तावेजों में खुद को सरकारी नौकरी होना दर्शाया था, जिससे कि स्टांप शुल्क कम देना पड़े।

Related News

Leave a Reply