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विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में पदक जीतकर बढ़ाया देश का मान ...

पदक विजेता ताइक्वांडो खिलाड़ी झेल रहा गरीबी का दंश

खेल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार खिलाड़ियों के लिए तमाम योजनाएं चलाकर उनको हुनरमंद बना रही है। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का नाम रोशन करने वाला खिलाड़ी अतुल दुबे गरीबी का दंश झेल रहा है। परिवार में एक कुवांरी बहन अंकिता भी है। मूलरूप से फैजाबाद निवासी हरि प्रकाश नौकरी की तलाश में कई वर्षों पूर्व कानपुर आए थे। यहां पर वह मूलगंज स्थित एक दुकान में प्राइवेट काम करते थे।परिवार में पत्नी लीलावती, दो बेटियां व एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। बेटा अतुल दुबे ताइक्वांडो का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। पास के ही एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

अतुल ने बताया कि 2008 में जीएनके इंटर कॉलेज में समर कैंप के दौरान ताइक्वांडो सीखने की इच्छा घरवालों से जताई थी। कैंप निशुल्क था तो वहां से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। खेल में रुचि बढ़ी तो स्कूल में ही प्रशिक्षक प्रयाग सिंह से प्रशिक्षण प्राप्त किया।

अगस्त 2011 में आगरा में हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में अतुल ने पहली बार रजत पदक जीता। तब से वह तमाम राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर पदक जीत कर शहर का नाम रोशन कर रहा है। दिल्ली में हुई अंतरराष्ट्रीय कूकिवॉन कप में कांस्य पदक भी जीता।जून 2016 में इलाज के अभाव में पिता हरिप्रकाश की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। तब से परिवार में कोई कमाने वाला भी नहीं बचा। अतुल प्राइवेेट स्कूल में बच्चों को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देकर थोड़े-बहुत रुपये कमाकर परिवार चला रहे हैं।

पैर टूटा पर हिम्मत नहीं हारी

अतुल के अंदर खेल की ऐसी ललक है कि घुटना टूटने के बाद भी उसने जिंदगी से हार नहीं मानी। लखनऊ में 23 दिसंबर 2018 को आयोजित भारत रत्न अटल बिहार बाजपेई ताइक्वांडो टूर्नामेंट में फाइनल फाइट में मुड़ जाने से अचानक पैर टूट गया था। घर में इतने रुपये नहीं थे कि पैर का ऑपरेशन करा सकें, तो एक वैद्य से मिले और उपचार कराया, इसके चलते कुछ महीनों तक वह अपना अभ्यास भी नहीं कर सके। पैर ठीक होते ही अतुल ने अभ्यास करना शुरू किया और साथ में बच्चों को प्रशिक्षण भी देने लगे।

किराए के दो कमरों में बसी है जिंदगी

अतुल अपनी मां लीलावती व बड़ी बहन अंकिता के साथ गुजैनी स्थित किराए के दो कमरों में रहता है। छोटी सी गृहस्थी से परिवार के तीनों सदस्य अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

प्रशिक्षक को दिया श्रेय

अतुल ने अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने प्रशिक्षक प्रयाग सिंह को दिया है। अतुल ने कहा कि जब से ताइक्वांडो का प्रशिक्षक लेना प्राप्त किया है, तब से हमारे गुरु ने हर मोड़ पर साथ दिया है। निशुल्क प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्होंने आर्थिक मदद भी की और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं तक में भेजा।

 उपलब्धियां

अगस्त 2011 आगरा में हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
जनवरी 2012 लखनऊ में हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
जुलाई 2013 बरेली में हुई सब जूनियर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
अगस्त 2013 बलरामपुर में हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
नवबंर 2015 फैजाबाद में हुई राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
सितंबर 2015 में ब्लैक बेल्ट की परीक्षा उत्तीर्ण की।
मई 2017 में दिल्ली में हुई अंतरराष्ट्रीय कूकिवॉन कप में कांस्य पदक जीता।
फरवरी 2018 अमृतसर में हुई ऑल इंडिया यूनिवर्र्र्सिटी में प्रतिभाग किया।

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