नमामि गंगे परियोजना में बड़ा घोटाला-विधायक अभिजीत सिंह सांगा ...
भाजपा विधायक बोले .....
उत्तर प्रदेश के कानपुर में नमामि गंगे की तरफ से घाटों की सफाई के लिए दिए गए कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। भाजपा के विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने इस मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की थी, अब इसमें जांच के आदेश दिए गए हैं।
विधायक की तरफ से की गई शिकायत के अनुसार अकेले बिठूर घाट की सफाई के लिए महीने में 25 लाख की राशि खर्च की जा रही है। छोटे से घाट की सफाई के लिए 61 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इन्हीं में से एक सफाई कर्मचारी जयवीर की इलाज के अभाव में मौत हो गई। सांगा ने अपने शिकायती पत्र में बताया है कि जयवीर का सफाई कर्मचारी के नाम पर नियुक्ति के लिए 30 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर लिया गया।
सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी विशाल प्रोटेक्शन फोर्स के ठेकेदार की ओर से लिया गया था। बृहस्पतिवार को विधायक सांगा के साथ प्रेस वार्ता में आई मृतक सफाई कर्मचारी जयवीर की पत्नी ने बताया कि उसके पति से पैसे लेकर नौकरी तो दी गई लेकिन कहा था हर महीने सात हजार रूपये मिलेंगे पर वो सिर्फ पांच हजार रुपये ही दे रहे थे।
वह भी तीन महीने तक ही दिया फिर उसे नौकरी से निकाल दिया। इस मामले में विधायक सांगा ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और उनके गुर्गों की तरफ से मृतक की पत्नी और परिवार को भी धमकी दी जा रही है। देर शाम इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन से इस संबंध में पूरी जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
एसडीएम सदर कर रहे जांच
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर हिमांशु गुप्ता इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले में सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जल्द ही मौके पर जाकर पूरी पड़ताल की जाएगी। इसके बाद पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार होगी।
इस तरह हो रहा घपला
बिठूर के 19 घाटों के लिए मानक के अनुसार 49 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए जाने चाहिए। लेकिन ठेका लेने वाली कंपनी की तरफ से कुल 60 कर्मचारियों की लिस्ट बनाई गई है। उसमें बदल बदलकर 15 से 20 लोगों को ही काम पर लगाया जाता है। लेकिन वेतन सभी का लिया जाता है। एक कर्मचारी का वेतन 35 हजार लिया जाता है जबकि कर्मचारियों को सिर्फ पांच से दस हजार के बीच ही दिया जाता है।
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