कांग्रेस और बसपा ने उतारे मुस्लिम प्रत्याशी ...
सपा और एआईआईएम उम्मीदवार के इंतजार में भाजपा
कानपुर- मुस्लिम बाहुल्य कानपुर की कैंट विधानसभा का मुकाबला इस बार रोचक होने वाला है। यहां से कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक सोहेल अंसारी को एक बार फिर टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। जबकि बसपा ने सफी खान को उतार कर मुकाबले को रोचक कर दिया है। भाजपा को अब इंतजार है, कि सपा भी अपना प्रत्याशी घोषित करें। चर्चा है कि सपा भी यहां से मुस्लिम प्रत्याशी ही मैदान में उतारेगी। एआईआईएम के असदुद्दीन ओवैसी पहले ही कैंट में मुस्लिम प्रत्याशी अतीक अहमद की पत्नी को उतारने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में कैण्ट विधानसभा में सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है।
मुस्लिम वोट बटने से आसान होगी भाजपा की राह
कैंट विधानसभा में मुस्लिम वोट बटने पर ही 2012 में भाजपा के रघुनंदन भदौरिया चुनाव जीते थे। 2017 में मुस्लिम ध्रुवीकरण होने के बाद सपा कांग्रेस गठबंधन से सोहेल अंसारी को विजय मिली थी। लेकिन इस चुनाव में बसपा और कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा है। इस माना जा रहा है कि सपा और एआईआईएम के मुखिया ओबैसी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में आना तय माना जा रहा है। ऐसे में मुस्लिम वोटों में बटवारा भी निश्चित होगा। इन स्थितियों में भाजपा को सीधा फायदा मिलेगा और एक बार फिर कैंट विधानसभा भाजपा के पाले में जा सकती है।
सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता
कानपुर महानगर में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता कैंट विधानसभा में आता है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख 30 हजार बताई जा रही है। जिनमें से सवा लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाता है। नंबर दो पर सबसे अधिक लगभग 90 हजार अनुसूचित जाति के मतदाता है। ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग 50 हजार बताई जा रही है। यहां सवर्ण वोटर लगभग 70 हजार है। पंजाबी समुदाय के वोटर संख्या 10 हजार के करीब है।
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