पार्टी के विरुद्ध जा लड़ा था चुनाव ...
पार्टी के विद्रोह में..
कानपुर में भाजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दो पार्षदों को बृहस्पतिवार को पार्टी से निकाल दिया। दोनों ने एक फरवरी को हुए कार्यकारिणी समिति के चुनाव में पार्टी के विद्रोह में जाकर चुनाव लड़ा था। भाजपा पार्षद राघवेंद्र मिश्रा, निर्मला मिश्रा, धीरेंद्र त्रिपाठी चुनाव में विद्रोही पार्षदों के रूप में खड़े हुए थे।
हालांकि धीरेंद्र त्रिपाठी ने मतदान से ठीक पहले महापौर प्रमिला पांडेय, सचेतक सहित अन्य के सामने खुद के लिए वोट न मांगने और अपना वोट पार्टी के ही प्रत्याशी को देने का आश्वासन देकर सभी की नाराजगी दूर करने की कोशिश की थी।
इस चुनाव में धीरेंद्र को एक भी वोट नहीं मिला था, जबकि 13 वोट पाकर राघवेंद्र मिश्रा चुनाव जीत गए थे। निर्मला मिश्रा को भी पहली प्राथमिकता के सात वोट मिले थे। पार्टी के 24 पार्षदों ने बागी प्रत्याशियों को वोट दिए थे। इस पर महापौर ने भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से शिकायत की।
पांच फरवरी को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने इस संबंध में लखनऊ में बैठक बुलाई थी। उप नेता सदन महेंद्र शुक्ला दद्दा ने पार्टी आलाकमान की बैठक के निर्णय का हवाला देते हुए दोनों पार्षदों को पार्टी से निकालने का पत्र जारी कर दिया।
इसका पता चलते ही निर्मला मिश्रा ने पार्टी कार्यालय जाकर उत्तरी जिलाध्यक्ष सुनील बजाज से मुलाकात भी की। निर्मला ने बताया कि पार्टी ने कार्यकारिणी समिति के चुनाव से पहले सुबह तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया था। इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ा, उनसे किसी ने पर्चा वापस लेने को भी नहीं कहा।
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