अपात्रों को पीएम आवास का लाभ देने पर निलंबित ...
भ्रष्टाचार का घुन
उन्नाव जिले में अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने पर असोहा विकासखंड के दो पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों ही सचिव एक ही गांव में तैनात थे और पिछले वित्तीय वर्ष में आवासों के आवंटन में घपला किया था।
एक नामचीन समाचार पत्र ने सोमवार के अंक में पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का घुन शीर्षक से खबर प्रकाशित किया। खबर में बताया गया कि जिम्मेदारों ने किस तरह से अवैध वसूली करके अपात्रों को आवास का लाभ दे दिया।
सोमवार को ही आवास से संबंधित ही एक मामले में दो पंचायत सचिवों पर निलंबन की गाज गिरी। असोहा विकासखंड की ग्राम पंचायत सहरावां के मजरे दरियारखेड़ा निवासी राकेश कुमार, राजकिशोर पुत्र स्व. जगदीश प्रसाद और मन्नालाल पाल पुत्र बलीपाल निवासी ग्राम उमर्रा का चयन पात्र होने के कारण प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में किया गया था।
हालांकि ग्राम पंचायत अधिकारी शशांक यादव ने उनकी आईडी पर दूसरे अपात्र व्यक्तियों को आवास दे दिए। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने परियोजना निदेशक डीआरडीए जनार्दन सिंह ने इसकी जांच कराई तो पता चला कि वर्ष 2018-19 में योजना के गाइड लाइन के अनुसार लाभान्वित न कराकर राकेश कुमार पुत्र महावीर के स्थान पर राकेश पुत्र हरीलाल निवासी सहरावां को आवास आंवटित कर दिया।
इसी प्रकार पूर्व में तैनात ग्राम विकास अधिकारी श्रीकांत (वर्तमान में पुरवा में तैनात) ने वर्ष 2017-18 में योजना के गाइड लाइन के अनुसार पात्र लाभार्थी को आवास न देकर उनकी आईडी पर अपात्र को आवास दे दिया।
इसकी रिपोर्ट मिलने पर डीएम रवींद्र कुमार ने दोनों को निलंबित करने का आदेश दिया। जिला पंचायतराज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि दोनों सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दुरुपयोग की गई धनराशि की वसूली किए जाने की आदेश भी दिए गए हैं।
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