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55 गांवों में पक रही ‘मौत’ की शराब,बिधनू और बिल्हौर में जाल ...

 खुलासा आबकारी विभाग की रिपोर्ट में

कानपुर में दो साल में 26 लोगों की मौत के बाद भी मिलावटी शराब का अवैध धंधा जोरों पर है। मौतों के कुछ दिन बाद तक तो पुलिस प्रशासन हरकत में रहा, इसके बाद फिर चद्दर तानकर सो गया। वर्तमान में शहरी क्षेत्र से जुड़े 55 गांवों में मिलावटी शराब तैयार कर ठेकों और दूसरे माध्यमों से बेची जा रही है।

यह खुलासा खुद आबकारी विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। विभाग ने इसका पूरा ब्योरा तैयार किया है। इससे साफ है कि पुलिस से लेकर प्रशासन तक की सारी कवायदें महज दिखावा हैं।

बीच शहर भी चल रहा अवैध काम

ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहर के बीचोबीच मिलावटी शराब तैयार की जा रही है। आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कोहना व बर्रा थाना क्षेत्र में दो-दो, किदवईनगर व नवाबगंज थाना क्षेत्र में एक-एक  जगह पर शराब बन रही है।

बिधनू और बिल्हौर में बड़ा जाल

आबकारी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अवैध शराब सबसे बड़े पैमाने पर बिधनू और बिल्हौर थाना क्षेत्र में तैयार की जा रही है। बिधनू के नौ और बिल्हौर के आठ गांवों में मिलावटी शराब बनाई जा रही है। इसके अलावा घाटमपुर व सजेती क्षेत्र के पांच-पांच, महाराजपुर, सचेंडी व बिठूर के चार-चार गांवों में भी जहरीली शराब तैयार होती है।

दो-चार गुडवर्क किए और थपथपाने लगे पीठ

पुलिस व आबकारी विभाग छिटपुट गुडवर्क कर अपनी-अपनी पीठ थपथपाने लगता है। हालांकि सूत्रों के अनुसार शराब के अवैध धंधे में खुद पुलिस की मिलीभगत रहती है। इस कारण वह छोटी-मोटी घटनाओं का खुलासा कर खुद को बचा ले जाती है। असल शराब माफिया पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। यही वजह है कि लगातार अवैध शराब का धंधा पनपता जा रहा है।

यहां धधक रहीं भट्ठियां

कंजड़नपुरवा, नई सीटीएस, पुरानी सीटीएस, बनियापुरवा, पिरिया, दल्लापुरवा, तिसजा, प्रतापुर हरी, कल्लूपुरवा, मिघ्घनपुरवा, भगवंतपुर, उदयपुर, कंजड़पुरवा, सीढ़ी इटारा, तमसाहा, पनकी कला, जमुई, एकघरा, फत्तेपुर, हरबशपुर, जामू, कल्यानीपुरवा, सेन, जमरोही, तक्सीमपुर, जादवपुर, कसिगवां, प्रेमपुरवा, डोमनपुर, फुफवार, दिबियापुर, भगवानखेड़ा, पारा, बीबी, पाली ककराली, मक्कापुरवा, गढ़ी शिवराजपुर, खजुरी, राजेपुर, असनी नेवादा, पिहानी, सैब्सू, देवहा, महिगवां, जरैलापुरवा, रघुनाथपुर, छाजा, रेउना, बरनांव, अजगरपुर, असवारमऊ, मदुरी, चंदापुर, महुआपुरवा व गुरनईपुर।

फिर भी नहीं खुली आंख

वर्ष 2018 में जहरीली शराब से सचेंडी में 18 और पिछले साल मार्च में घाटमपुर में आठ लोगों की जान गई थी। पुलिस ने धरपकड़ शुरू कर बसपा नेता समेत करीब 15 आरोपियों को जेल भेजा था। मामले में पुलिसकर्मियों व आबकारी के अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी। इसके बावजूद किसी भी तरह का असर शराब माफिया को नहीं पड़ा। जब दिसंबर 2019 में आबकारी ने पूरे शहर से गोपनीय जानकारी जुटाई तो पता चला कि अभी भी 55 गांवों में शराब बन रही है।

55 ऐसे गांवों को चिह्नित किया गया है, जहां अवैध रूप से शराब तैयार की जाती है। इन गांवों के बारे में और जानकारी जुटाकर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे जिले में बड़ा अभियान चलाया जाएगा।  - अरविंद कुमार मौर्य, जिला आबकारी अधिकारी

अवैध शराब का धंधा करने वालों पर किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। जहां पर भी अवैध शराब बन रही है, उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत मिलेगी तो उन पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। - अनंत देव, डीआईजी

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