सपा नेता के भाई और दोस्त की गोली मारकर की गई थी हत्या ...
नए साल का जश्न मना रहे सपा नेता के भाई सहित दोस्तों को घेरकर सरेराह कर दी गई थी हत्या
कानपुर में नए साल का जश्न मना रहे सपा नेता के भाई समेत दो युवकों की वर्चस्व की लड़ाई में हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ने छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एससीएसटी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर पांच दोषियों पर 40-40 हजार और एक पर 20 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।
एक दोषी को आर्म्स एक्ट के तहत दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भरना होगा। 12 साल पुराने इस दोहरे हत्याकांड के एक अभियुक्त को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। नौबस्ता के मछरिया चौराहे के पास 31 दिसंबर 2006 की रात लगभग साढ़े 10 बजे धरीपुरवा निवासी जोगिंदर वाल्मीकि और पशुपति नगर निवासी विशाल वाजपेई अपने दोस्तों रामकरन, सिकंदर, दीपक सिंह जादौन व पंकज मिश्र के साथ नववर्ष की बधाई देने के लिए इकट्ठा हुए थे।इसी दौरान बगाही भट्ठा बाबूपुरवा निवासी मोहित यादव, मछरिया रोड निवासी दीपू यादव, अन्नू चौरसिया, नरेंद्र सविता, धरी का पुरवा निवासी प्रहलाद, खाड़ेपुर निवासी अनूप शुक्ला और नौबस्ता निवासी अश्वनी त्रिपाठी उर्फ अन्नी असलहा लेकर पहुंचे। दीपू, अनूप, अन्नू, नरेंद्र, प्रहलाद और अन्नू ने जोगिंदर व विशाल को दबोच लिया।
मोहित ने पहले जोगिंदर फिर विशाल के सिर पर सटाकर गोली मार दी। दोनों की मौत हो गई थी। जोगिंदर के भाई सपा नेता बउवा वाल्मीकि ने सात लोगों के खिलाफ नौबस्ता थाने में हत्या, बलवा और एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि वारदात से एक सप्ताह पहले ही दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था, जिसकी रंजिश में वारदात अंजाम दी गई।
गिरफ्तारी के बाद से नहीं छूट सका मोहित
विशेष लोक अभियोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि मोहित को हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी, वह घटना के बाद से जेल में ही है। पांच अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई थी। फरार होने के कारण दीपू की फाइल अलग कर दी गई थी। बाकी छह लोगों के खिलाफ सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी रमेश चंद की कोर्ट ने सभी छह दोषियों को सजा सुनाई।
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