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नौ युवतियों समेत 20 गिरफ्तार,ऑनलाइन सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ ...

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेक्स रैकेट संचालन

कानपुर में चकेरी लालबंगला के बाद एक और ऑनलाइन सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। नौबस्ता पुलिस ने साइबर सेल की मदद से वेबसाइट और व्हाट्सएप की मदद से चलने वाले सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नेपाल, यूपी, असम, मध्यप्रदेश, कोलकाता आदि राज्यों की नौ युवतियों को शहर में अलग-अलग स्थानों से पकड़ा।

इसके अलावा दलाल और ग्राहकों समेत 11 युवक भी गिरफ्तार किए गए। पुलिस के अनुसार वेबसाइट की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेक्स रैकेट चल रहा है। वेबसाइट हैंडल करने वाले आईटी एक्सपर्ट की तलाश में साइबर सेल को लगाया गया है।

एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि साइबर सेल को ट्विटर पर कानपुर में कॉलगर्ल के लिए एक वेबसाइट का लिंक मिला था। लिंक के माध्यम से एक मोबाइल नंबर ट्रेस किया गया और ग्राहक बनकर पुलिस ने मूलरूप से इटावा सैफई हाल पता नौबस्ता खाड़ेपुर निवासी आशीष कुमार को पकड़ा गया। उसकी मदद से सभी की गिरफ्तारी की गई।

आशीष ने बताया कि उसने अपना मोबाइल नंबर वेबसाइट पर डाल रखा था। ग्राहक साइट के माध्यम से उससे संपर्क करते थे। इसके बाद वह लड़कियों की तस्वीरें और रेट ग्राहकों को व्हाट्सएप पर भेज देता था। इसके बाद लड़की को ग्राहक के बताए पते पर भेज दिया जाता था।

इस काम में बिधनू सतबरी निवासी राजू उर्फ इरान व उसकी महिला मित्र कल्पना गुप्ता भी साथ देती थी। कल्पना के संपर्क में यूपी समेत अन्य प्रदेशों की लड़कियां हैं। पकड़े गए युवक लालबंगला निवासी यश मल्होत्रा, महाराजपुर सलेमपुर निवासी सोनू पासवान, नौबस्ता गल्ला मंडी निवासी राहुल, किदवईनगर साकेतनगर निवासी सुशील अवस्थी, पुखरायां भोगनीपुर निवासी सुशील, काकादेव पांडूनगर निवासी विवेक राठौर, शास्त्रीनगर निवासी प्रमोद कुमार उर्फ जीतू, बर्रा दो निवासी नीरज व गोविंदनगर निवासी राहुल हलवाई हैं।

वेबसाइट ऑपरेटर को करना पड़ता है रोज भुगतान

आशीष कुमार ने पुलिस को बताया कि एक दिन उसने गूगल पर सर्च किया तो कई वेबसाइट खुल गईं। कानपुर की वेबसाइट पर ऑपरेटर के दिए नंबर पर संपर्क किया। ऑपरेटर ने आशीष का नंबर अपनी वेबसाइट पर डिस्प्ले करने के नाम पर रोज का 128 रुपये का भुगतान मांगा। भुगतान के बाद उसका उसका नंबर आने लगा। इसके बाद आशीष के पास ग्राहकों के फोन आने शुरू हो गए।

पांच हजार से 25 हजार तक लेते

थाना प्रभारी कुंज बिहारी मिश्रा ने बताया कि दलाल ग्राहकों को पांच हजार से 25 हजार रुपये तक में लड़कियां उपलब्ध कराते थे। दलालों ने बताया कि लड़कियों को एक हजार रुपये से 1500 रुपये देते थे।

गूगल-पे के माध्यम से लिया जाता था पेमेंट

आशीष ने बताया कि कॉलगर्ल पसंद आ जाने पर ग्राहक से गूगल-पे के माध्यम से भुगतान करा लिया जाता था। इसके बाद कॉलगर्ल को उसका हिस्सा ऑनलाइन दिया जाता था। ग्राहक यदि ऑनलाइन भुगतान नहीं कर पाता तो पैसा लेने के बाद उस तक लड़की भेजी जाती थी।

 

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