खामियों से जूझता कानपुर का कांशीराम अस्पताल ...
एल-टू कोविड हॉस्पिटल
कानपुर-:शहर में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसे देखते हुए रामा देवी स्थित कांशीराम अस्पताल को फिर से एल-टू कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को उर्सला और डफरिन अस्पतालों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में सिर्फ एल 3 मरीजों का ही इलाज किया जाएगा।
अस्पताल तैयार, स्टाफ न के बराबर
कांशीराम अस्पताल में भले ही ऑक्सीजन बेड्स और वेंटीलेटर की व्यवस्था दुरुस्त हों, लेकिन जब डॉक्टर ही नहीं रहेंगे तो मरीजों का इलाज कैसे होगा। जब दैनिक भास्कर की टीम अस्पताल में बने कोरोना वार्ड में पहुंची तो वहां के सुपरवाइजर हिमांशु मिश्रा ने बताया कि यहां पर पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर नहीं हैं। सिर्फ 5 से 6 डॉक्टर हैं। कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में कम से कम 10 से 12 डॉक्टरों की टीम रहनी चाहिए। दूसरी लहर में भी इसे कोरोना अस्पताल बना दिया गया था। तब भी डॉक्टरों की कमी थी। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि दूसरी लहर में यहां से ट्रकों से लाशें घाट तक पहुंचाई गई थी। तब इस हॉस्पिटल में सिर्फ 7 से 8 नर्स थीं और वार्ड ब्वॉय सिर्फ 8 थे। यहां लैब टेक्नीशियन है और कुछ क्लर्क हैं।
3 डॉक्टर मिले कोरोना संक्रमित
कांशीराम अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुदेश गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में 15 वेंटीलेटर बेड हैं। वहीं बच्चों, किशोर-किशोरियों से लेकर बड़ों को भर्ती करने के लिए 115 बेड हैं। लेकिन डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। वहीं जानकारी के अनुसार कांशीराम के 4 डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। बुधवार को आई सीएमओ की रिपोर्ट के अनुसार कांशीराम के तीन डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए। इन तीन डॉक्टरों के बाद यहां सिर्फ 3 डॉक्टर रह गए हैं। ऐसे मई अगर प्रशासन ने जल्द नए डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की तो तीसरी लहर में आने वाले मरीजों का इलाज सिर्फ भगवान भरोसे ही चलेगा।
मरीज एक भी नहीं
कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार है, लेकिन यहां एल 2 का कोई भी मरीज नहीं रहा है। जो भी मरीज आ रहे हैं वो सभी एल 1 के हैं। जिन्हें यहां भर्ती नहीं किया जा सकता।
परखे गए सभी उपकरण
आपको बता दें, कांशीराम अस्पताल में लगाए गए उपकरणों के संचालन से लेकर डॉक्टरों के चिकित्सकीय कार्य-कुशलता को दो बार मॉकड्रिल के माध्यम से परखा जा चुका है। कांशीराम अस्पताल में 115 बेड संक्रमितों के लिए है, जिसमें से 20 बेड बच्चों के लिए सुरक्षित है। 20 वेंटिलेटर, 9 एचएफएनसी और 92 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार कर लिए गए हैं।
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