यादवों की तैनाती पर सवाल उठाना पड़ा भारी ...
यादवों से इतनी नफरत क्यों?:-पुलिसवाले की पोस्ट
कानपुर में तैनात एक महिला दरोगा निशा यादव और कांस्टेबल अतुल यादव को लाइन हाजिर कर दिया गया है। आरोप है कि चौकी से हटाए जाने के बाद दरोगा निशा यादव ने कांस्टेबल से एक विवादित पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करवा दिया। उसने अपनी पोस्ट में लिखा है- कानपुर कमिश्नरेट में 'यादवों' को सभी थानों-चौकियों से हटा दिया गया है। आखिर यादवों के प्रति इतनी नफरत क्यों...?
दरोगा निशा यादव और कांस्टेबल अतुल यादव, दोनों की तैनाती चकेरी थाने में थी। आचार संहिता के बीच अपनी पोस्ट पर उसने सरकार और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पर यादव जाति के पुलिसवालों को चार्ज नहीं देने पर सवाल उठाया है। इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा गया है।
जांच के बाद हो सकती है विभागीय कार्रवाई
कांस्टेबल अतुल यादव का पोस्ट वायरल होते ही मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने जांच बैठा दी थी। इसके बाद दोनों को शनिवार को लाइन हाजिर कर दिया गया। प्राथमिक जांच में सामने आया कि चकेरी थाने की कृष्णा नगर चौकी में महिला दरोगा निशा यादव के उकसाने पर कांस्टेबल अतुल यादव ने कानपुर कमिश्नरेट में पुलिस वालों की तैनाती पर विवादित पोस्ट अपने फेसबुक अकाउंट से किया था। एक सप्ताह पूर्व ही निशा यादव को चौकी से हटाया गया था। इस बात से वह आहत चल रही थीं।
शिवपाल के साथ SI और कांस्टेबल की फोटो वायरल
अधिकारियों की जांच में कांस्टेबल के फेसबुक अकाउंट में कई ऐसी पोस्ट मिली है, जिसमें कांस्टेबल अतुल यादव और एसआई निशा यादव पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के साथ नजर आ रहे हैं। शिवपाल यादव के साथ एसआई और कांस्टेबल की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। चुनाव के बीच जातिगत या वर्ग विशेष की तैनाती पोस्टिंग पर सवाल उठाने से पुलिस अफसरों ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है।
खुद को शिवपाल का करीबी बताता है सिपाही
चकेरी थाने में तैनात अन्य पुलिस कर्मियों ने बताया कि कांस्टेबल अतुल यादव खुद को शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के अन्य बड़े नेताओं का करीबी बताता है। इतना ही नहीं कांस्टेबल ने शिवपाल यादव समेत अन्य नेताओं के साथ अपनी फेसबुक पर कई फोटो भी पोस्ट की है।
एक भी थाना प्रभारी यादव नहीं
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के दायरे में 33 थाने आते हैं, लेकिन एक भी थाना प्रभारी यादव नहीं है। यादव बिरादरी के चौकी इंचार्ज हैं या नहीं फिलहाल इसकी कोई जानकारी पुलिस महकमा नहीं दे सका है। पोस्ट के बाद एक बार फिर जातिगत थाने-चौकी की पोस्टिंग पर अफसरों ने मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
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