फाइनेंस कंपनी के मालिक की हत्या, सिर, पेट और सीने में 18 वार ...
हत्या अचानक हुई घटना नहीं
कानपुर में गोविंदनगर थाना क्षेत्र की लेबर कॉलोनी में सोमवार को हुई फाइनेंस कंपनी के मालिक जयगोपाल पुरी (63) की हत्या अचानक हुई घटना नहीं है। जिस तरह से उनके शरीर में एक के बाद एक 18 बार चाकुओं से हमला किया गया, उससे यह स्पष्ट है कि हत्यारे हत्या करने के मकसद से ही उनके कार्यालय में घुसे थे। हालांकि हत्या को दूसरा रूप देने के लिए हत्यारों ने पहले उनसे विवाद जरूर किया लेकिन चाकू लेकर आना साबित करता है कि उनका मकसद हत्या ही था।
घटना के समय कार्यालय में दो लाख रुपये भी थे लेकिन उन रुपयों को हाथ नहीं लगाया। पुलिस भी मान रही है कि हत्या के पीछे कोई रंजिश हो सकती है। घटना के वक्त उनके साथ कार्यालय में मौजूद महिला कर्मचारी रतना शुक्ला की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
वहीं सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर पुलिस ने हत्यारों की शक्ल से मिलते-जुलते एक दर्जन लोगों को शराब ठेकों से उठाया है। पुलिस फाइनेंसर के पुराने विवादों को भी खंगालने में जुट गई है। वहीं मंगलवार को हुए पोस्टमार्टम में पता चला है कि उनके सिर, पेट और सीने में चाकू के 18 वार मिले हैं।
संघर्ष के दौरान दोनों हत्यारों के चेहरे से उतर गया था मास्क
कार्यालय में मौजूद रतना शुक्ला ने पुलिस को बताया कि वह रिसेप्शन वाली सीट पर बैठी थी। एक हत्यारा चेहरे पर रुमाल और दूसरा मास्क लगाए था। उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लग गईं। अचानक बदमाशों ने जयगोपाल से विवाद शुरू कर दिया। वह कुछ समझ पातीं कि दोनों ने उन पर चाकुओं से हमला बोल दिया।
बीच बचाव में वह भी घायल हो गईं। छीनाझपटी में दोनों के चेहरे से मास्क हट गए थे। हालांकि उन्हें शक्ल ठीक से याद नहीं है। वहीं फुटेज में भी दोनों के चेहरे स्पष्ट नहीं हैं। पुलिस सीटीआई, विजयनगर समेत भागने वाले संभावित रास्तों पर लगे कैमरों की और फुटेज निकलवाने की तैयारी में है।
बहू ने दिया ससुर की मिट्टी को कंधा
दबौली एमपी-2 निवासी जयगोपाल पुरी का शव मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया। यहां बेटे रचित के साथ उनकी बहू रुचि ने भी उनकी अर्थी को कांधा दिया। वहीं पत्नी आरती पुरी उनकी हत्या के बाद से बदहवास हैं।
मृतक व कर्मचारी की एक सप्ताह की सीडीआर खंगाली
थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा ने बताया कि जयगोपाल और रतना की एक सप्ताह की सीडीआर निकलवाई जा रही है। एक सप्ताह में जिन लोगों ने इनसे बातचीत की है, उनसे भी पूछताछ की जा सकती है। वहीं, पुलिस जयगोपाल व रतना के मोबाइल की कॉल रिकार्डिंग भी खंगाल रही है।
तब घर पर और अब कार्यालय में भी नहीं लगा था कैमरा
जयगोपाल का पहले दबौली स्थित आवास में ही फाइनेंस का कार्यालय था। सूत्रों के अनुसार एक मशहूर कंपनी के लोडरों के फाइनेंस में उनकी कंपनी का अहम रोल होता था। इस वजह से सुबह से लेकर शाम तक कार्यालय से लाखों का लेनदेन होता था। इसके बाद भी न तो उन्होंने दबौली वाले कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे और न ही लेबर कॉलोनी वाले कार्यालय में।
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