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इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा की हड़ताल होते ही मचा हाहाकार ...

 गिरफ्तारी से भड़के एंबुलेंस चालक

कानपुर में बकाया वेतन के भुगतान की मांग और प्रति केस पैसा दिए जाने के प्रोजेक्ट के खिलाफ सोमवार की हड़ताल की घोषणा कर चुके इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 के ड्राइवरों ने रविवार रात को ही हड़ताल कर दी। यूनियन नेता अजय कुमार सिंह को हिरासत में लिए जाने के बाद ड्राइवरों का गुस्सा फूट पड़ा।

ड्राइवरों ने वाहनों को डफरिन अस्पताल में खड़ा कर दिया और कोतवाली के सामने जाकर जमा हो गए। ड्राइवरों की हड़ताल की सूचना पर एस्मा के संबंध में शासन से पत्र दोपहर में सीएमओ के पास आ गया। इसके साथ ही जीवीके ईएमआरआई के अधिकारी भी ड्राइवरों को समझाने के लिए लखनऊ से यहां आए थे।

ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति केस सौ रुपये और 102 को प्रति केस 60 रुपये दिए जाएंगे। उनका कहना है कि अगर केस न मिला तो उस दिन उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। यह नीति गलत है।

इसी के खिलाफ वे सोमवार को वाहन खड़े करके लखनऊ जीवीके ईएमआरआई के अधिकारियों से मिलने जाने वाले थे। रविवार दोपहर को शासन से पत्र आ गया कि आपात सेवाओं को बंद नहीं किया जा सकता। हड़ताल करने वालों के खिलाफ एस्मा लगाया जाएगा। इस पर सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने कर्मचारियों को बुलाकर आदेश से अवगत कराया।

जीवीके ईएमआरआई की टीम ने लखनऊ से आकर कर्मचारियों को समझाया कि वे हड़ताल न करें। कर्मचारियों ने बताया कि जब वे काशीराम ट्रामा सेंटर में वाहन खड़े रहे थे, उसी समय पुलिस ने उनके यूनियन अध्यक्ष अजय कुमार सिंह को हिरासत में ले लिया। इसके बाद सारे ड्राइवरों ने वाहन ले जाकर डफरिन में खड़े कर दिए और हंगामा शुरू कर दिया।

कर्मचारियों से दोपहर में बात हुई थी, उन्हें समझा दिया गया। कुछ लोग कर्मचारियों को भड़का रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इमरजेंसी सेवा कर्मचारी काम करना चाहते हैं। इमरजेंसी सेवा बंद की तो बहुत दिक्कत हो जाएगी। ड्राइवरों को समझाने की कोशिश की जा रही है।
डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ 

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