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फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर प्रशासन ने 29 ट्रांजिट लाइसेंस जारी ...

एसआईटी ने मांगा 5 सालों का रिकॉर्ड, बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की आशंका

फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला उजागर होने के बाद आशंका है इसके पहले भी नए शस्त्र लाइसेंस देने और नवीनीकरण में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ होगा। इसलिए एसआईटी ने प्रशासन से पिछले पांच-छह साल का ब्योरा मांगा है। ऐसे में कलेक्ट्रेट में काम करने वाले, खासकर असलहा विभाग के बाबुओं व अन्य कर्मचारियों पर शिकंजा कस सकता है।
पिछले एक साल में कुल 190 शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए। इनमें से जांच में 77 लाइसेंस फर्जी पाए गए। एसआईटी ने अब पिछले पांच छह साल का रिकार्ड मांगा है। इसमें सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों का विवरण, तत्कालीन अफसर, बाबू और कर्मचारियों के नाम भी प्रशासन को उपलब्ध करवाने होंगे। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि गहनता से जांच चल रही है।

एसआईटी ने एटीएस से किया संपर्क 
फर्जी एनओसी व फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर प्रशासन ने 29 ट्रांजिट लाइसेंस जारी किए थे। ये सभी असलहे बिहार ले जाए गए थे जिनकी सप्लाई नक्सलियों को हुई थी। एटीएस ने इसका खुलासा कर चार गन हाउस मालिक समेेत कलेक्ट्रेट के बाबू महेश सिंह को पिछले साल जेल भेजा था।

इसके बाद एटीएस ने चार बार प्रशासन को पत्र लिखकर पुराना रिकार्ड मांगने के साथ जारी शस्त्र लाइसेंस, व ट्रांजिट लाइसेंस का सत्यापन करवाने को कहा था लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब एसआईटी ने एटीएस से संपर्क कर इन सभी चीजों की जानकारी जुटाई है। 

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