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दम घुटने से दो की गई जान, तीन की हालत गंभीर ...

 ठंड से बचने को बंद की थीं ‘मौत की खिड़कियां’

यूपी: कानपुर में कड़ाके की सर्दी से बचने को गोपाल दुबे ने दो दिन पहले ही कमरे की सभी खिड़कियों को अखबार व दफ्तियों से बंद किया था। जब अंगीठी से जहरीली गैस बनी तो खिड़कियां बंद होने की वजह से बाहर नहीं निकल सकी और पिता-पुत्र की मौत हो गई जबकि दो मासूम व उनकी मां जिंदगी के लिए जंग लड़ रही हैं। खिड़कियां बंद करना काल साबित हुआ।

मकान मालिक रौनक ने बताया कि कमरे की खिड़कियों में पल्ले नहीं लगे हैं। हादसे के बाद से गोपाल की सरहज शुक्लागंज निवासी रजनी समेत अन्य परिजन हादसे से बेसुध हैं। सभी बार-बाहर अफसोस जता रहे थे कि काश खिड़कियां बंद न की होतीं।

गोपाल कमरे में औंधे मुंह पड़े थे। सीओ घाटमपुर रवि कुमार सिंह ने बताया कि इससे ऐसा लग रहा है कि जब दम घुटने लगा तो गोपाल ने दरवाजा खोलने का प्रयास किया था मगर वह नाकाम रहे। वह तख्त से नीचे गिर गए लेकिन दरवाजे तक नहीं पहुंच सके।

संदिग्धता के बिंदु पर भी जांच

कमरे में उल्टियां भी पड़ी हुई थीं। सभी के मुंह से झाग भी निकल रहा था। सीओ रवि कुमार सिंह ने बताया कि ये स्थिति कई सवाल खड़े कर रही है। इसलिए हादसे के अलावा अन्य बिंदु पर भी जांच की जा रही है। गुरुवार को गोपाल व बेटी के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।

मकान मालिक से था लेनदेन का विवाद

एक साल पहले ही गोपाल ने अपना मकान बेचा था। उसके बाद एक लोडर भी खरीदा था जिसे वह मकान मालिक रौनक के साथ मिलकर चलाते थे। पुलिस के मुताबिक गोपाल ने चार लाख रुपए भी रौनक को दिए थे। इसको लेकर दोनों केबीच विवाद की बात सामने आई है। इस तथ्य को भी गहनता से जांचा जा रहा है।

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