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39 करोड़ के गबन और अनियमितता का मामला ...

ब्रह्मावर्त बैंक के प्रबंधकों समेत 13 पर रिपोर्ट

कानपुर में गबन और अनियमितताओं के आरोप में बंद की गई रतनलाल नगर स्थित ब्रह्मावर्त बैंक मामले की जांच कर रहे लिक्विडेटर (ऋणशोधक) अंशल कुमार ने मंगलवार को बैंक प्रबंधकों समेत 13 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन पर खाताधारकों के 39 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। यह भी आरोप है कि इन लोगोें ने नियम कायदों के विपरीत अपने चहेतों को करोड़ों का लोन बांटा और खाते एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) हो गए। इससे सैकड़ों खाताधारकों को रुपये भी फंस गए।

मामले की जांच कर रहे अंशल कुमार ने गबन और अनियमितता का मामला सही पाए जाने पर गोविंदनगर थाने में बैंक के मुख्य कार्यवाहक अधिकारी रतनलाल नगर निवासी आशुतोष कुमार मिश्रा, उनकी पत्नी बैंक की महाप्रबंधक किरण मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक बेटे सौरभ मिश्रा, दिनेश कुमार दीक्षित, विनय प्रताप, केएस त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी, संजीव वाजपेयी, विनोद कुमार गंगवार, गिरीश अवस्थी, चंद्र मोहन पांडेय, सत्यजीत अवस्थी, अतुल कुमार शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

आयुक्त अंशल कुमार ने बताया कि ब्रह्मावर्त बैंक में अनियमितताओं और खाते एनपीए होने की वजह से रिजर्व बैंक ने तीन जुलाई 2018 को लाइसेंस निरस्त कर दिया था। रिजर्व बैंक ने सहकारिता विभाग को निर्देशित किया था कि लिक्विडेटर की तैनाती कर खाताधारकों का जमा धन वापस कराने की प्रक्रिया शुरू कराएं। आठ जुलाई को सहकारिता विभाग ने लिक्विडेटर की तैनाती कर जांच शुरू कराई थी।

ये लिक्विडेटर कर चुके हैं जांच 

मामले की शुरुआती जांच अपर जिला सहकारी अधिकारी (एडीसीओ) राकेश कुमार ने की थी, लेकिन दो माह बाद उनका ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद मामले की जांच एडीसीओ उमेश कुमार राठौर, सुरेंद्र कुमार (सहकारी निरीक्षक वर्ग- दो), अरविंद कुमार सिंह और फिर अंशल कुमार ने की।

अंशल कुमार ने बताया कि बैंक के मुख्य कार्यवाहक अधिकारी आशुतोष कुमार मिश्रा पर अकेले एक करोड़ 25 लाख रुपये का गबन करने की बात सामने आई है। इसके अलावा पांच करोड़ 83 लाख रुपये में अनियमितता की बात सामने आई है। मतलब फर्जी ढंग से लोन बांटा गया। इसी तरह बैंक के अन्य प्रबंधकों और अधिकारियों पर आरोप हैं। 

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