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गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग में मुफ्त की गई चिकित्सीय प्रक्रिया ...

ब्लॉकेज की स्टेज पांच से घटकर दो.....

कानपुर के हैलट में पहली बार कैंसर से बंद खाने की नली की स्टेंटिंग की गई है। निजी क्षेत्र के अस्पताल में इसका खर्च सवा लाख रुपये आता है। हैलट के गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग में यह चिकित्सीय प्रक्रिया मुफ्त की गई। रोगी को सिर्फ 13 हजार रुपये का स्टेंट लाकर देना पड़ा।

फतेहपुर के कैंसर रोगी दयाराम (55) की स्टेंटिंग मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के गैस्ट्रोइंटोलॉजिस्ट डॉ. विनय कुमार ने की। इस प्रक्रिया में रेडियो डायग्नोस्टिक विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने सहयोग किया ।स्टेंटिंग इंडोस्कोपी विधि से की गई। डॉ. विनय ने बताया कि रोगी की खाने की नली का कैंसर लिवर तक पहुंच गया था। खाने की नली तीन-चार महीने से बंद थी, रोगी पानी भी नहीं पी रहा था। इसे मेटेलिक स्टेंट से खोल दिया गया है। इससे रोगी की खाने की नली के ब्लॉकेज की स्टेज पांच से घटकर दो हो गई।

इससे रोगी की लाइफ क्वालिटी बेहतर रहने के साथ उम्र भी बढ़ेगी। कैंसर रोगी की लाइफ क्वालिटी बेहतर रखना मुख्य उद्देश्य होता है। हैलट में यह प्रक्रिया पहली बार की गई है। निजी क्षेत्र के सिर्फ एक अस्पताल में यह प्रक्रिया सवा लाख में होती है।

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