दहेज हत्या के झूठे मुकदमे में डेढ़ साल जेल में रहा पति ...
चाचा तलब......
कानपुर में भतीजी की मौत पर चाचा ने ससुरालियों को दहेज हत्या के झूठे मुकदमे में फंसा दिया। इसके चलते पति को डेढ़ साल जेल में काटना पड़ा। अपर जिला जज षष्टम डॉ. कपिला राघव ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए मृतका के चाचा को तलब किया है। साथ ही मुकदमे में आरोपी बनाए गए पति, सास और ससुर को बरी करने का आदेश दिया है। सचेंडी के सुनील कुमार की 20 वर्षीय बेटी कंचन का विवाह ग्राम भूल निवासी अजय के साथ सात जुलाई 2016 को हुआ था। 16 अप्रैल 2018 को उसने फांसी लगा ली थी। सुनील राजस्थान में नौकरी करता था। कंचन के चाचा दशरथ कोरी ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए पति अजय, सास रामप्यारी, ससुर भगौती प्रसाद, देवर रवींद्र, बृजेश व सर्वेश और ननद नन्हीं के खिलाफ 17 अप्रैल को सचेंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि विवेचना के बाद कोर्ट में पति, सास और ससुर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। गवाही शुरू हुई तो दशरथ कोरी ही बयान से मुकर गए। यही नहीं, कंचन की मां मीरा देवी, पिता सुनील कुमार और दादी छुन्नी देवी ने भी अपने बयानों में कंचन के गुस्सैल होने के कारण आत्महत्या कर लेने की बात कही।
सभी परिजनों के पक्षद्रोही घोषित होने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फांसी से मौत की बात सामने आई। हालांकि, दहेज हत्या जैसा गंभीर आरोप लगने के कारण अजय को जमानत नहीं मिल सकी, जिसके चलते वह जेल में ही बंद रहा। वहीं, झूठी रिपोर्ट लिखाकर निर्दोषों को फंसाने और बाद में बयान से मुकरने को कोर्ट ने गंभीर अपराध मानते हुए दशरथ को नोटिस देकर कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट के आदेश पर दशरथ को नोटिस भेजा जा रहा है। उसे बयान से मुकरने का कारण बताना होगा। जवाब से संतुष्ट न होने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। कोर्ट दशरथ पर जुर्माना भी लगा सकती है।- जितेंद्र कुमार पांडे, एडीजीसी
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