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दिल्ली की एक कंपनी में थी मैनेजर ...

डिप्रेशन के चलते जान दी

कानपुर में लॉकडाउन में नौकरी जाने से परेशान काकादेव विजय नगर गल्लामंडी निवासी श्रद्घा (30) ने शुक्रवार देर रात फांसी लगाकर जान दे दी। नौकरी जाने और पैसों के अभाव में कैंसर पीड़ित पिता का इलाज न करा पाने से वह डिप्रेशन में चली गई थी।

भाई अभिषेक ने बताया कि पिता कृष्णकांत कैंसर की बीमारी से ग्रसित हैं। उनका इलाज वाराणसी स्थित टाटा कैंसर अस्पताल में चल रहा है। श्रद्धा दिल्ली की एक निजी कंपनी में मैनेजर थी। लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई।

पिता की बीमारी को देखते हुए वह शहर में नौकरी की तलाश कर रही थी। काफी प्रयास के बाद भी नौकरी न मिलने से वह डिप्रेशन में रहने लगी। उधर, 15 सितंबर को मां सुधा पिता को लेकर इलाज के सिलसिले से वाराणसी गई थीं। घर में वह और बड़ी बहन श्रद्धा थी।

शुक्रवार देर रात श्रद्धा ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। थाना प्रभारी रणबहादुर सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में डिप्रेशन के चलते युवती द्वारा फांसी लगाने की बात सामने आई है। शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है।

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