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कोरोना मरीज के परिजनों को थमाया गया भारी भरकम बिल ...

रीजेंसी अस्पताल की करतूत

कानपुर:- विवादों को लेकर हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाला कानपुर के गोविंदनगर रीजेंसी अस्पताल की करतूत एक बार फिर सामने आई है। अस्पताल में भर्ती एक कोरोना मरीज का 24 दिनों का 14 लाख 50 हजार का बिल बना दिया गया। इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि 11 लाख का बिल वसूलने के बाद भी अस्पताल डेड बॉडी नहीं दे रहा है। दरअसल कानपुर के प्राइवेट अस्पताल से लगातार कोरोना के इलाज के नाम पर तीमारदारों से वसूली जारी है।

परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को मरीज की मौत हो गई। अस्पताल ने 24 दिनों का 14 लाख 50 हजार का बिल थमाया। इसमें से उन्होंने 11 लाख के बिल का भुगतान भी कर दिया है। बावजूद इसके मरीज के शव को नहीं सौंपा जा रहा है। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।

बहू ने लगाए ये आरोप

कानपुर का रीजेंसी अस्पताल से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। परिजनों का कहना है कि इलाज के नाम पर डॉक्टरों द्वारा लगातार पैसा वसूला जा रहा है। 24 दिन में इलाज के नाम पर 15 लाख रुपए का बिल बना दिया गया। उसके बाद कहा जाता है कि मरीज की मौत हो गई। फिर डेड बॉडी देने के नाम पर बकाया साढ़े तीन लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। परिजनों का यह भी कहना है कि मरीज खुद चलकर अस्पताल पहुंचा था। उसके बाद पांच दिन से उसकी बॉडी में कोई हलचल नहीं हो रही थी। फिर भी इलाज चलता रहा। बहू श्रुति का आरोप है कि उनके ससुर सतीश चंद्र टंडन अपने आप चलकर हॉस्पिटल आए थे। दो दिन तक जनरल वार्ड में रहे। तीसरे दिन आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रख दिया। बार-बार पूछने पर भी डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया। उनके वाइटल ओर्गंस ख़राब हो रहे थे, लेकिन परिवार वालों से सिर्फ बिल जमा करने को कहते रहे।

मालिक ने दी ये सफाई

रीजेंसी के मालिक अभिषेक कपूर ने बताया कि प्रोटोकॉल के तहत कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद किसी भी तीमारदार को बॉडी नहीं सौंप सकते। वह सरकार के ही हवाले कर सकते हैं, जिसमें कुछ घंटों का वक्त लगता है। अभिषेक कपूर ने कहा कि जहां तक मेडिसिन के ओवर रेट की बात है तो परिवार आए और बैठकर बात करे। जो भी बिलिंग हो रही है वह सरकारी रेट पर है।

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