सीए संस्थान का दीक्षांत समारोह ...
5 राज्यों के सीए
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया के दीक्षांत समारोह में अक्तूबर-2019 में परीक्षा पास करने वाले पांच राज्यों के 565 चार्टर्ड एकाउंटेंटों को प्रमाण पत्र दिए गए। शनिवार को कानपुर के मोतीझील स्थित लाजपत भवन में सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की ओर से हुए समारोह में सभी सीए ने अग्नि को साक्षी मानकर जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाने की शपथ भी ली।
सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के अध्यक्ष मुकेश बंसल ने कहा कि भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था आपके हाथों में होगी। आपका एक फैसला पूरे समाज पर असर डालेगा। पता नहीं कल आपमें से कौन व्यक्ति किस कुर्सी पर बैठा हो, इसलिए ध्यान रहे कि गलत स्टेटमेंट पर साइन होने से देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचेगा।
सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए मनु अग्रवाल ने कहा कि बीते कुछ वर्षों से कानपुर सीए को रोजगार दिलाने का गढ़ बना हुआ है। भविष्य में प्लेसमेंट के और भी अवसर खुलेंगे। चार्टर्ड एकाउंटेंटों को प्रमाण पत्र अनुज गोयल, केमिसा सोनी, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सचिव अभिषेक पांडेय, सदस्य अतुल मेहरोत्रा ने दिए। संस्थान के प्रेसिडेंट प्रफुल्ल कुमार छाजड़ और वाइस प्रेसिडेंट अतुल कुमार गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशे की गंभीरता समझाई।
अभिषेक पांडेय ने कहा कि आज के सीए भाग्यशाली हैं कि देश में हो रहे आर्थिक बदलावों के साक्षी बन रहे। इन्हीं आर्थिक बदलावों की पढ़ाई करके आ रहे हैं। देश में 90 फीसदी आर्थिक समस्याएं चार्टर्ड एकाउंटेंटों के जरिये हल हो रही हैं, इसलिए जिम्मेदारी समझें।
इस पेशे में केवल काबिलियत आती काम
सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए अनुज गोयल ने कहा कि यह ऐसा पेशा है, जिसमें आरक्षण नहीं चलता। यहां सिर्फ काबिलियत और मेहनत काम आती है। उदाहरण दिया कि बिड़ला परिवार के बेटे कुमार मंगलम भी आप सभी लोगों की तरह ही पढ़ाई करके सीए बने हैं। उन्हें अन्य प्रोफेशन की तरह उद्योगपतियों वाले संसाधन नहीं मिले। यही इस पेशे की खूबसूरती है।
कारपोरेट जगत में धाक जमा रहीं बेटियां
कारपोरेट जगत में अब सिर्फ पुरुषों का ही दखल नहीं रहा। इसमें बेटियां भी बराबरी से धाक जमा रही हैं। इसकी बानगी सीए और सीएस के रिजल्ट में देखने को मिलती है, या फिर कैंपस प्लेसमेंट के लिए जब कंपनियां इंटरव्यू लेने शहर आती हैं। शनिवार को मोतीझील में सीए संस्थान के दीक्षांत समारोह में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। यहां लड़कियां संख्या बल में लड़कों से बराबरी करती नजर आईं। पांच वर्ष की कठिन पढ़ाई करके वर्ष 2019 में परीक्षा पास कर चुके युवाओं को सीए संस्थान की सदस्यता दी गई। पांच राज्यों से आए 565 सदस्यों में 230 लड़कियां थीं। इनसे में 70 फीसदी लड़कियां पांच से 15 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर जॉब हासिल कर चुकी हैं।
एकलौती बेटी ने गाड़ा सफलता का झंडा
पदम अपार्टमेंट, सिविल लाइंस निवासी शैली सिंहानिया लोहिया कार्प में जॉब करती हैं। लोहिया ने इसी वर्ष इन्हें कैंपस प्लेसमेंट में सबसे ज्यादा 10 लाख रुपये सालाना वेतन का पैकेज दिया। शैली भविष्य में प्रबंधन की पढ़ाई करने का इरादा रखती हैं। पिता संतोष सिंहानिया मोबाइल पार्ट्स के व्यवसायी हैं। बेटी की सफलता से घर में सभी गदगद हैं। शैली बताती हैं कि सीए की पढ़ाई लड़कियों के लिए इसलिए भी मुफीद है क्योंकि शहर में इसकी पढ़ाई संभव है। इस पेशे में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तरह पढ़ाई का खर्चा बहुत कम है। कम से कम आय वाला व्यक्ति भी इसकी पढ़ाई कर सकता है।
बेटियों के पिता का सिर गर्व से ऊंचा
बिरहाना रोड निवासी धर्मेंद्र चतुर्वेदी की बेटी सृष्टि चतुर्वेदी तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। इन्होंने पहले ही प्रयास में सीए की परीक्षा पास की थी। इन दिनों ये मुंबई में सीए फर्म डेलॉयट में जॉब करती हैं। इनका पैकेज करीब आठ लाख रुपये सालाना है। सृष्टि का मानना है कि कारपोरेट दुनिया में काम करने वालों की इन दिनों ज्यादा प्रतिष्ठा है। डॉक्टर और इंजीनियरिंग अब परंपरागत पेशे हो चुके हैं। इसके अलावा देश और दुनिया में आर्थिक गतिविधियां हमेशा प्रमुखता में रहेंगी। इसलिए इस फील्ड में नौकरी की कमी नहीं है।
घर में दो बेटियां, एक बन गई सीए
आर्य नगर निवासी कपड़ा व्यवसायी नंद किशोर अग्रवाल की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी यामिनी ने वर्ष 2019 में सीए की परीक्षा पास की और तुरंत उनकी जॉब जानी मानी कंपनी प्राइस वाटर हाउस कूपर में लग गई। यामिनी की पोस्टिंग इन दिनों मुंबई में है। आठ लाख का पैकेज है। यामिनी शनिवार को दीक्षांत समारोह में सीए संस्थान का सदस्यता प्रमाण पत्र लेने पहुंचीं। उनका मानना है कि लड़कियों के लिए कॅरियर तय करना बड़ा चुनौतीपूर्ण होता है। यह तय नहीं होता कि शादी के बाद वे कहां रहेंगी। जॉब कर पाएंगी या नहीं। सीए और सीएस की पढ़ाई इसलिए मुफीद है ताकि वे जॉब न भी करें तो भविष्य में पति के काम में मदद कर सकें।
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