पूर्व विधायक अजय कपूर पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज ...
हाथ छोड़ कमल थामने की तैयारी में कद्दावर कांग्रेसी नेता
यूपी में विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा जल्द ही कांग्रेस सहित अन्य दलों को तगड़ा झटका देते हुए एक बड़ा दांव खेल सकती है। उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के एक कद्दावर नेता पंजे का साथ छोड़ कर हाथ में अब कमल को थामने की तैयारी में हैं। सपा बसपा और कांग्रेस को भाजपा के इस दांव से भारी नुकसान हो सकता है।
कई महीनों से चल रही अफवाहों का दौर अचानक से एक बार फिर से अपने शबाब पर है। ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय कपूर उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अभी तक अजय कपूर और पार्टी ने इस बात को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। अजय कपूर पिछले कई सालों से कांग्रेस में हैं। इस बार कांग्रेस ने करिश्मा ठाकुर को गोविंद नगर सीट से टिकट दिया है।वह दो बार गोविंद नगर व एक बार किदवई नगर विधान सभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। कानपुर की किदवई नगर विधान सभा सीट पर भी उन्होंने भारी मतों से जीत पाई थी। सूत्रों की मानें तो गोविंद नगर विधान सभा उपचुनाव में अजय कपूर ने भाजपा से टिकट भी मांगा था जिसका स्थानीय भाजपाइयों ने विरोध भी किया।
इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अजय कपूर के किसी दूसरी पार्टी में जाने की अटकलें शुरु हुईं थी। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाकर बिहार में लोकसभा चुनाव का प्रभारी बना दिया था। उनके मनोनयन पत्र में लिखा गया था कि राष्ट्रीय सचिव और बिहार प्रभारी के रूप में नियुक्ति तत्काल प्रभाव से मानी जाएगी।अजय कपूर को बिहार का प्रभारी बनाने से यह तय हो गया था कि कांग्रेस उन्हें कानपुर और अकबरपुर में प्रचार के लिए नहीं रखना चाहती थी क्योंकि कानपुर के बड़े कांग्रेसी नेताओं से उनका 36 का आंकड़ा रहा है। अजय कपूर ने राहुल गांधी को अपने इस मनोनयन के लिए आभार भी जताया था।