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हिंसा में शामिल उपद्रवियों पर हत्या की एफआईआर ...

आखिर क्या है हकीकत

कानपुर के बाबूपुरवा हिंसा में मारे गए तीन प्रदर्शनकारियों के मामले में एसआईटी ने एफआईआर में हत्या की धारा बढ़ा दी है। अज्ञात उपद्रवी ही आरोपी बनाए गए हैं। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने फायरिंग की, जिससे तीन लोगों की जानें गईं और दस अन्य घायल हुए। एसआईटी वीडियो फुटेज व फोटो के आधार पर गोली चलाने वाले उपद्रवियों की पहचान करने की जद्दोजहद में जुटी है।
20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में मोहम्मद सैफ (23), आफताब आलम (22) और रईस खान (30) की मौत हो गई थी। एसआईटी ने बाबूपुरवा थाने में दर्ज एफआईआर में हत्या की धारा बढ़ा दी है। डीआईजी अनंत देव ने बताया कि गोली चलाने वाले, घायल व जिनकी मौत हुई, वे सभी हिंसा में शामिल रहे। इसलिए मामले में अज्ञात उपद्रवियों को हत्यारोपी बनाया गया है। उपद्रवियों की शिनाख्त कर जिसकी जो भूमिका मिलेगी, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

जनता और पुलीस दोनों की अपनी कहानी

बीते वर्ष हुए सीएए के विरोध प्रदर्शन के उग्र एवं हिंसक होने के चलते कानपुर नगर के दो थाना क्षेत्रों में हुई हिंसा में मृत तीन युवकों की मृत्यु का कारण पुलिस के द्वारा चलाई गई गोली न होकर उपद्रवियों द्वारा प्रतिबंधित बोर के तमंचों का उपयोग किया गया है। जमीनी हक़ीक़त, साक्ष्य, प्रतक्षयदर्शियों एवं सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहें वीडियो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे है। पुलिस के अनुसार बाबुपुरवा उपद्रव में मरने वाले तीनों एवं सभी घायल उपद्रव में शामिल थे, जिन के विरुद्ध एफआईआर एवं वसूली की प्रतिक्रिया भी प्रभावी होगी जिस का नोटिस भी भेजा जा रहा है।

उपद्रवियों ने प्रतिबंधित बोर का किया इस्तेमाल

हिंसा के बाद डीआईजी अनंत देव ने प्रेसवार्ता कर बताया था कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से तमंचा व पिस्टल से गोली चलाई गई। यानी प्रतिबंधित बोर का उपद्रवियों ने इस्तेमाल किया। एसआईटी का कहना है कि उपद्रवियों की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा कि असलहे कहां से उपलब्ध हुए।

 पुलिस ने की थी हवाई फायरिंग

उपद्रवियों पर काबू करने के लिए लाठीचार्ज के अलावा पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। डीआईजी ने बताया कि चार राउंड हवाई फायरिंग की पुष्टि हुई। वहीं आईजी के आदेश पर शुरू हुई बैलियस्टिक जांच में बाकी बातें सामने आएंगी।

सिपाही को गोली मारने वाले की पहचान नहीं

यतीमखाना में हुई हिंसा में सिपाही अर्पित सिंह के कंधे पर गोली लगी थी। बेकनगंज पुलिस ने हिंसा के बाद हत्या के प्रयास समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि यतीमखाना में उपद्रवियों की तरफ से कई राउंड फायरिंग की गई थी। सिपाही पर गोली चलाने वालों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।

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